पश्चिम बंगाल प्रशासनिक सेवा में अव्वल रहीं आकांक्षा सिंह को सामाजिक संगठनों ने किया सम्मानित

राज कुमार गुप्त, हावड़ा : पश्चिम बंगाल प्रशासनिक सेवा के इतिहास में संभवतः यह प्रथम मौका है कि किसी हिंदी भाषी प्रतियोगी ने पूरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। हावड़ा की आकांक्षा सिंह ने पश्चिम बंगाल प्रशासनिक सेवा 2019 (राजस्व-विभाग) में पुरे राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने परिवार एवं प्रदेश में रहने वाले सभी हिंदी भाषियों का नाम रौशन किया है और उनके इस उल्लेखनीय सफलता से सभी हिंदी भाषी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

अतः प्रदेश की अन्य संस्थाओं के अलावा हिंदीभाषी संस्थाएं आकांक्षा सिंह को लगातार फोन करके शुभकामनाएं दे रहे हैं या फिर उनसे मिलकर उन्हें सम्मानित कर रहे हैं। आज बुधवार को इसी कड़ी में परशुराम सेना पश्चिम बंगाल तथा राष्ट्रीय हिंदी परिषद, कोलकाता के पदाधिकारियों ने उनके निवास पर पहुँच कर उन्हें सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है कि आकांक्षा बचपन से ही एक मेधावी छात्रा रही है। वह दासनगर सेन्ट थॉमस से 12 तक की पढ़ाई करने के उपरांत कोलकाता के इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग कॉलेज, साल्टलेक से कंप्यूटर साईंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। वर्तमान में वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है। आकांक्षा के पिता एक प्राईवेट कम्पनी में अकाउंटेन्ट हैं एवं माता श्री जैन विद्यालय हावड़ा में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत हैं। इनका पैतृक निवास विहार के बक्सर जिला में है।

वह अपने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहती है, साथ ही प्रशासनिक सेवा में आने की प्रेरणा के संबंध मे उसका कहना है कि यह उन्हे अपने मामा, मौसा-मौसी जो कि खुद इस सेवा से जुड़े हैं उनसे प्राप्त हुई। उनका मानना है कि कठिन परिश्रम ही इन्सान के सफलता का मूल मन्त्र है।

उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि आज प्रशासनिक सेवाओं में किसी भी आर्थिक स्तर के मेधावी छात्र भाग ले सकते हैं और इन परीक्षाओं को क्लियर कर सकते हैं। कोई जरूरी नहीं कि इसके लिए बहुत सारे रुपए लगाकर कोचिंग किया जाए। ऑनलाइन के इस जमाने में बहुत सारे ऐसे फ्री साइट है, जिनके ऐप डाउनलोड करके आप अच्छी तैयारी कर सकते हैं और मैंने भी ऐसा ही किया है, कारण मैं पहले से ही नौकरी कर रही थी और मेरे पास इतना समय नहीं था की कोचिंग क्लास में जाकर अलग से पढ़ाई करूँ।

उन्होंने हिंदी में ही परीक्षा देकर यह भी सिद्ध कर दिया प्रतिभाएं किसी भाषा और प्रदेश की मोहताज नहीं होती है। अगर आपमें काबिलियत है तो आप जरूर कामयाब होंगे। कोलकाता हिंदी न्यूज, हिंदी के ऐसे सभी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व को नमन करता है।

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