देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड की सच्चाई जल्द ही बाहर आने वाली है। क्योंकि एसआईटी ने 19 दिसंबर को 500 पन्नों की पहली चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी कर दी है। जिसमें 100 से अधिक गवाहों और 30 सबूतों को आधार बनाते हुए एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में आईपीसी की धारा 354 ए, 302, 201 120बी और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत चार्ज लगाए गए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। जिसमें कोर्ट चार्जशीट का संज्ञान लेगी और नार्को टेस्ट की अनुमति के बारे में भी विचार करेगी।
शुरुआत में पुलिस केवल हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर उनकी कहानी पर आगे बढ़ रही थी। इसी बीच अंकिता का दोस्त पुष्प आगे आया और हत्या के एक दिन पहले अंकिता से हुई बातचीत को वायरल कर दिया। उसने एक वीडियो जारी कर सारी कहानी बताई। इसी से पता चला कि वहां कोई वीआईपी आने वाला था। उसे स्पेशल सेवा देने के लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था। ऐसे में पुलिस की जांच को नई दिशा मिली। इसके साथ ही वीआईपी के नाम का खुलासा करने का दबाव भी पुलिस पर बढ़ता गया। अब माना जा रहा है कि पुष्प की गवाही ही इसमें अहम साबित होगी।
ये है पूरा घटनाक्रम
18 सितंबर की रात को वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में अपनी कर्मचारी अंकिता भंडारी के गुमशुदा होने की शिकायत दी थी। करीब तीन दिनों तक इस मामले की ढिलाई से जांच की गई। इसके बाद शासन के निर्देश पर मामले को रेगुलर पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारी बात उगल दी।