सिंजारा आज : हरियाली तीज से पहले सिंजारा पर क्या करती हैं महिलाएं

वाराणसी : सिंजारा दूज उत्तर भारत के लगभग सभी हिस्सों में बड़ी धूमधाम से महिलाओं के द्वारा मनाया जाने वाला प्रसिद्ध उत्सव है। यह एक ऐसा उत्सव है जो की सभी बहूओं को समर्पित हैं। कुछ महिलाएं इस दिन व्रत – उपवास भी करती हैं और अपने पति की दीर्घायु के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हैं। इस बार श्रावण माह यानी सावन माह की द्वितीया तिथि को सिंजारा का पर्व मनाया जाएगा। हरियाली तीज से 1 दिन पहले का दिन सिंजारा पर्व के तौर पर मनाया जाता है। इस वर्ष सिंजारा तिथि 30 जुलाई 2022, शनिवार और हरियाली तीज 31 जुलाई 2022, दिन रविवार को पड़ रही है।

देवी पार्वती को तीज माता कहा जाता है। हरियाली तीज भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती के मिलाप का प्रतीक है। इस दिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है, साथ ही पूरे दिन व्रत रखकर देवी पार्वती के लोकगीत गाती है। सिंजारा या सिंधारा पर्व ज्यादातर पंजाबी, राजस्थानी और हरियाणवी महिलाओ का त्यौहार हैं और महिलाएं ये त्योहार मुख्यत: मानाती है लेकिन आजकल हर जगह तीज का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाता है।

* सिंजारा पर महिलाएं नए कपड़े, नई चूड़ियां पहनती है और इसी दिन स्त्रियां अपने हाथ में मेहंदी लगाती है।
* सिंजारा में महिलाएं अनेक पकवान जैसे घेवर, नारियल के लड्डू, साबूदाना खीर, हलवा, मठरी बनाती हैं।
* इस दिन नव विवाहित महिलाएं अपने मायके जाकर यह त्यौहार धूमधाम से मनाती हैं और कुछ औरतें अपने ससुराल में रहकर भी तीज मनाती हैं। यह एक श्रृंगार दिवस है।

* इस दिन पति, रिश्तेदारों से उपहार लेने का रिवाज है।
*तीज के दिन सभी महिलाएं मां पार्वती की मूर्ति मध्य में रखकर चारों तरफ एकत्रित होकर उनकी पूजा करती है। साथ ही जिन की शादी तय हो गई है वे कन्या भी तीज का व्रत रखती हैं और उन्हें अपना सिंजारा सास-ससुर से मिलता है।
* यह भी माना जाता है कि शादी के बाद बहू का रक्षाबंधन में भी मायके से सिंजारा आता है। हरियाली तीज सावन के मौसम का मनचाहा त्यौहार होता है।

manoj jpg
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + eight =