कोलकाता। देश की दिग्गज गायिका संध्या मुखर्जी का बुधवार की शाम को यहां केवड़ातला श्मशान में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में वहां जुटे लोगों की आंखों में आंसू देखने को मिले। संध्या मुखर्जी ने 90 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस लीं। जनवरी महीने के अंत में कोरोनावायरस महामारी से संक्रमित होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि इसके कुछ दिनों बाद जांच में वह नेगेटिव पाई गई थीं।
इस बीच, उनकी एक सर्जरी भी हुई और लंबे समय से चली आ रही गैस की समस्या के कारण उनकी सेहत अचानक बिगड़ने लगी। उनका मंगलवार को यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। उनकी अंतिम यात्रा बुधवार सुबह पूर्वी कोलकाता के तोपसिया स्थित मोर्चरी पीस वर्ल्ड से शुरू हुई। इसके बाद राज्य संगीत अकादमी से होते हुए उन्हें रवींद्र सदन सांस्कृतिक परिसर में ले जाया गया। यहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए कुछ समय तक के लिए रखा गया।
उत्तर बंगाल के अपने दौरे के बीच में से लौटीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस दौरान शाम के लगभग पांच बजे उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और उनके पार्थिव शरीर के चारों ओर एक शॉल लपेटा। इसके बाद बड़ी संख्या में जुटी भीड़ के साथ सुश्री मुखर्जी को रवींद्र सदन से तीन किलोमीटर दूर श्मशान घाट तक ले जाया गया। इस दौरान उनके गाए हुए गीत बजते रहे, जो लोगों को उनकी पुरानी यादें ताजा कराती रहीं। शाम के करीब छह बजे केवड़ातला श्मशान घाट में पुलिस की एक टीम ने धीमी गति से मार्च कर उन्हें तोपों की सलामी दी।