पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री, वाराणसी ।
* अपने घर के उत्तर कोण में तुलसी का पौधा लगाएं।
* हल्दी को जल और दूध में घोलकर एक पान के पत्ते की सहायता
से अपने सम्पूर्ण घर में छिडकाव करें। इससे घर में लक्ष्मी का वास तथा शांति भी बनी रहती है।
* अपने घर के मन्दिर में घी का एक दीपक नियमित जलाएं तथा शंख की ध्वनि तीन बार सुबह और शाम के समय करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बहार निकलती है।
* घर में सफाई हेतु रखी झाडू को रास्ते के पास नहीं रखें। यदि झाडू मे बार-बार पैर का स्पर्थ होता है, तो यह धन-नाश का कारण होता है। झाडू के ऊपर कोई वजनदार वास्तु भी नहीं रखें।
* अपने घर में दीवारों पर सुन्दर, हरियाली से युक्त और मन को प्रसन्न करने वाले चित्र लगाएं। इससे घर के मुखिया को होने वाली मानसिक परेशानियों से निजात मिलती हैं।
* वास्तुदोष के कारण यदि घर में किसी सदस्य को रात में नींद नहीं आती या स्वभाव चिडचिडा रहता हो, तो उसे दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके शयन कराएं, इससे उसके स्वभाव में बदलाव होगा और अनिद्रा की स्थिति में भी सुधार होगा।
* अपने घर के ईशान कोण को साफ़ सुथरा और खुला रखें। इससे घर में शुभत्व की वृद्धि होती है।
* अपने घर के मन्दिर में देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए पुष्प-हार दूसरे दिन हटा देने चाहिए और भगवान को नए पुष्प-हार अर्पित करने चाहिए।
* घर के उत्तर-पूर्व में कभी भी कचरा इकट्ठा न होने दें और न ही इधर भारी मशीनरी रखें।
* अपने वंश की उन्नति के लिये घर के मुख्य द्वार पर अशोक के वृक्ष दोनों तरफ लगाएं।
* यदि आपके मकान में उत्तर दिशा में स्टोर रूम है, तो उसे यहाँ से हटा दें। इस स्टोर रूम को अपने घर के पश्चिम भाग या नैऋत्य कोण में स्थापित करें।
* घर में उत्पन्न वास्तुदोष घर के मुखिया को कष्टदायक होते हैं। इसके निवारण के लिये घर के मुखिया को सातमुखी रूद्राक्ष धारण करना चाहिए।
* यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिणमुखी है, तो यह भी मुखिया के के लिये हानिकारक होता है। पूजा घर में पंचमुखी श्री हनुमान यंत्र स्थापित करें।
* अपने घर के पूजा घर में देवताओं के चित्र भूलकर भी आमने-सामने नहीं रखने चाहिए इससे बड़ा दोष उत्पन्न होता है।
* अपने घर के ईशान कोण में स्थित पूजा-घर में अपने बहुमूल्य वस्तुएँ नहीं छिपानी चाहिए।
* पूजा कक्ष की दीवारों का रंग सफ़ेद हल्का पीला अथवा हल्का नीला हो।
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