कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शुक्रवार को होली पर ‘दोल उत्सव’ की धूम रही। इस मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाकर होली खेली। कोलकाता में दोल उत्सव के अवसर पर बच्चों ने भी एक-दूसरे को गुलाल लगाया। देशभर में रंगों का त्योहार होलिका दहन के अगले दिन मनाया जाता है, मगर बंगाल में यह त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है। इस बीच दो साल के अंतराल के बाद, जिसके दौरान COVID-19 महामारी ने उत्सव मनाया, पश्चिम बंगाल में यौनकर्मियों के सबसे बड़े संगठन, दरबार महिला समन्वय समिति ने 17 मार्च को कोलकाता के सोनागाछी में स्थित रेड-लाइट क्षेत्र में होली मनाई।
लस्कर, सेक्स वर्कर और अध्यक्ष, दरबार महिला समन्वय समिति ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “यौन-कर्मी बाहर नहीं जा सकते हैं और दूसरे समुदाय के साथ त्योहार नहीं मना सकते हैं, इसलिए हर साल हम सोनागाछी रेड-लाइट क्षेत्र में विभिन्न समारोह आयोजित करते हैं। हालांकि, हम COVID-19 के कारण पिछले दो वर्षों से त्योहार नहीं मना सका, इस बार हम इस उत्सव को यौनकर्मियों के लिए आयोजित करने के लिए उत्साहित हैं।”
बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने होली के त्योहार पर उत्सव मनाने की अनुमति देने के लिए 17 मार्च को रात्रि कर्फ्यू हटाने की घोषणा की है। राज्य सचिवालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा था, “होली त्योहार के अवसर पर 17 मार्च की रात 12 बजे से सुबह पांच बजे के बीच लोगों और वाहनों की आवाजाही से संबंधित प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी ताकि होलिका दहन के उत्सव को मनाने में लोगों को परेशानी नहीं हो।”