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जम्मू कश्मीर में दो साल में सात कश्मीरी पंडितों की हत्या

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के शोपियां ज़िले में शनिवार को चरमपंथियों ने एक और कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की हत्या उनके घर के बाहर हुई। वो पेशे से किसान थे।इस घटना के बाद कश्मीरी पंडितों की हत्या के विरोध में हो रहे प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं। डीआईजी सुजीत कुमार ने कहा कि चरमपंथी संगठन कश्मीर फ्रीडम फ़ाइटर (केएफएफ) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। हत्या करने वालों की तलाश के लिए पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और छानबीन जारी है।

जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडित की हत्या से तनाव फिर बढ़ गया है। जम्मू में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और घटना का कड़ा विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें जारी कीं हैं। इनमें लोगों को नारेबाजी करते देखा जा सकता है। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग नजर आ रहे हैं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।

शोपियां जिले में शनिवार को आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों ने बताया कि पूरन कृष्ण पर दक्षिण कश्मीर जिले के चौधरी गुंड इलाके में उनके आवास के निकट हमला किया गया। जख्मी कृष्ण को शोपियां अस्पताल ले जाने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

2020 से अब तक पूरन भट समेत सात कश्मीरी पंडितों की हत्या हो चुकी है। इस हत्या ने एक बार फिर सरकार के वादों पर भरोसे के बीच दरार पैदा कर दी है, ख़ास उन कश्मीर पंडितों के लिए जो सरकार की पुनर्वास योजना के तहत घाटी में लौटे थे। उन्हें नौकरी और घर दिए गए थे। कश्मीरी पंडित बड़गाम में 12 मई को राहुल भट की हत्या के बाद बीते पांच महीनों से जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बाद 36 साल की दलित महिला टीचर रजनी बाला की 31 मई को स्कूल के सामने गोली मारकर हत्या ने विरोध प्रदर्शन को और तेज़ कर दिया।

पूरन भट उन चंद लोगों में से थे जो 1990 के दशक में हज़ारों कश्मीरी पंडितों के पलायन के बावजूद घाटी में ही बसे रहे। वो शोपियां में रह रहे करीब 455 कश्मीरी पंडितों में से एक थे। डीआईजी सुजीत कुमार ने बताया कि घाटी में सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि सुरक्षा में चूक कैसे हुई।

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (KPSS) ने भी घटना की कड़ी निंदा की है। केपीएसएस ने कहा कि यह हत्या केंद्रीय गृह मंत्री के लिए एक संदेश है कि कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं है। केपीएसएस के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने आरोप लगाया कि अधिकारी पीड़ित परिवार पर घाटी में सामान्य स्थिति दिखाने के लिए जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रहे हैं।

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