।।ग़म को गोली मारो।।
गम को देखते ही
गोली मार दो
दुख को
कहकहों से डराकर
दूर भगा दो
फिर करीब आने से
वो घबराए, कतराए।
सुनना तो दूर
कोई देखेगा भी नहीं
तुम्हारी ओर,
गर…
तुम हरदम
अपने ही गम का
राग अलापोगे।
ये मत समझो
दुख, मुसीबतें, परेशानी
तुम्हारे हिस्से ही आया है
ये वो कुदरती सौगात है
कम अथवा ज्यादा
हरेक की झोली में आया है।
सच तो ये है
मेरे साथियो
झूमने लगेगी
ये सारी कायनात
जब भी
हंसी-खुशी की धुन
तुम जो छेड़ोगे।