कभी कभी
खुद से बातें करने को
बहुत जी चाहता है
चाहता हूं
कुछ ऐसा सन्नाटा
ऐसी ही खामोशी हो
जिसमें
खुद की धड़कन तक सुनाई दे
कमबख्त भीतर का
शोर खलल पैदा
करने से बाज नहीं आता
ऐसे में
खुद से मिलने का खयाल
फिर टाल देता हूं
और
खु्द से खुद के
मिलन के दिन को
अगली तारीख दे देता हूं।