सागरदिघी उपचुनाव : आखिरकार बंगाल विधानसभा में अब माकपा कांग्रेस के प्रतिनिधि भी

कोलकाता। वर्ष 2021 के बहुचर्चित विधानसभा चुनाव के समय पश्चिम बंगाल विधानसभा में माकपा कांग्रेस का एक भी विधायक जीत नहीं पाया था। इसे लेकर कई बार विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने निराशा जाहिर की थी और कहा था कि अच्छा होता इन दोनों पार्टियों के प्रतिनिधि भी विधानसभा में होते। अब यह कसर मुर्शिदाबाद के सागरदिघी उपचुनाव में पूरा हो गया है। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार बायरन विश्वास करीब 23 हजार (22 हजार 980) वोटों के अंतर से जीत गए हैं। इन्हें माकपा का समर्थन हासिल था। बायरन ने अपने प्रतिद्वंदी तृणमूल उम्मीदवार देवाशीष बनर्जी को हराया है। अधेड़ उम्र के वायरन ने पहली बार चुनावी मैदान में ताल ठोका था और परचम लहराने में सफल रहे हैं। उनके जीतने से अस्तित्व संकट से जूझ रहे माकपा और कांग्रेस को बंगाल में एक बार फिर ऑक्सीजन दे दिया है। तो दूसरी ओर राज्य विधानसभा में भी नए समीकरण की उम्मीद जगाई है।

उनके पिता बाबर अली हैं जो मुर्शिदाबाद के विख्यात बीड़ी कारोबारी हैं। वह एक समय में माकपा के बड़े नेता थे। बाद में उन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया था और कारोबार में ध्यान देने लगे थे। इसके साथ ही उन्होंने चाय का भी कारोबार किया। अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले और निजी अस्पताल खोला। इसके साथ ही उनका पूर्व राष्ट्रपति (दिवंगत) प्रणब मुखर्जी के साथ भी परिचय हुआ। तब प्रणब मुखर्जी ने जंगीपुर से चुनाव लड़ा था। हालांकि उस समय तक बायरन विश्वास अथवा उनके दोनों भाइयों का राजनीति से कोई संबंध नहीं था।

तीनों ने पढ़ाई लिखाई के बाद पारिवारिक व्यवसाय में ही मन देना शुरू किया था। पिता ने उन्हें शमशेरगंज के निजी अस्पताल की देखरेख की जिम्मेवारी सौंपी थी। बायरन सागरदिघी के मोड़ग्राम में खाद्य विपणन का कारोबार शुरू करने का भी मन बनाया था। उसी के भरोसे उन्होंने चुनाव में अधिक से अधिक रोजगार का आश्वासन भी दिया था। राजनीति से सीधे तौर पर कोई नाता नहीं होने के बावजूद कांग्रेस ने बायरन को अपना उम्मीदवार चुना और वामदलों ने उनके पिता के राजनीतिक समर्पण को देखते हुए समर्थन की घोषणा कर दी।

इसके पहले 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुब्रत साहा ने 95 हजार 189 वोट हासिल किया था जबकि बायरन ने करीब 85 हजार वोट हासिल किया है। तब भाजपा दूसरे नंबर पर थी और 44 हजार 983 वोट मिले थे लेकिन इस बार भाजपा तीसरे नंबर पर है और उम्मीदवार दिलीप साहा महज 25 हजार वोटों पर सिमट गए हैं। बायरन ने भाजपा और तृणमूल के धाकड़ उम्मीदवारों को मात दी है जिसकी वजह से वह और अधिक सुर्खियों में छाए हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *