रिया सिंह की कविता : “हे प्रभु”

“हे प्रभु”

क्या मिट जाएगा देश हमारा?
वर्षों से जो हमको प्यारा,
क्या रैन अब समेट लेगी
भोर का उगता हुआ तारा?
ले ले अब अवतार तू
चुका ले संघर्ष सारा।
मिट ना पाए देश हमारा,
सदियों से जो हमको प्यारा।
बहती यहां गंगा की धारा,
कोयल भी यहीं गीत गाती
भूल कर परिणाम सारा
ऐसा लोकप्रिय देश हमारा।
रचना तेरी,सृष्टि तेरी
आरंभ तेरा, अंजाम तेरा
श्रद्धा मेरी,भक्ति मेरी
विलंब न कर हे प्रभु,
हो न जाए कहीं देरी।
थाम कर तू वक्त सारा
सृजन कर दे फिर दुबारा।
ऐसी महिमा रच प्रभु
निखर उठे यह वर्ष हमारा।
चारो दिशाओं में हो उजियारा
रैन को भी हो उठे भय
 समेटने में वह एक तारा,
मिट न पाए देश हमारा
वर्षों से जो हमको प्यारा।
-रिया सिंह  ✍🏻
स्नातक, तृतीय वर्ष, (हिंदी ऑनर्स)

टीएचके जैन कॉलेज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven − four =