शोध पुस्तक “मेदिनीपुर का पहला अखबार” का हुआ कोलकाता में लोकार्पण

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कोलकाता के पारंपरिक महाबोधि सोसाइटी हॉल में वार्ता प्रकाशन की ओर से आयोजित शरद समारोह में “मेदिनीपुर का पहला समाचार पत्र” शीर्षक से शोध लेखों का एक संग्रह प्रकाशित हुआ। इस संग्रह को मेदिनीपुर के क्षेत्रीय इतिहास के शोधकर्ता और क्षेत्र सर्वेक्षणकर्ता संतु जाना और संग्राहक सुदर्शन सेन द्वारा अच्छी तरह से संपादित किया गया है। यह दो संपादकों द्वारा नियोजित “मेदिनापुर चर्चा ग्रंथमाला” नामक श्रृंखला की दूसरी पुस्तक है। डॉ. कालीपद प्रधान, डाॅ. .मधुप दे, अतनु मित्रा, संतु जाना और सुदर्शन सेन आदि के लेख इसमें समाहित है।

प्रसिद्ध इतिहासकार ब्रजेंद्रनाथ बनर्जी द्वारा लिखित एक दुर्लभ ग्रंथ का पुनर्मुद्रण किया गया है। मेदिनीपुर से प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र के इतिहास पर यह पहला संकलन है। अविभाजित मेदिनीपुर जिले की साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रथाओं का इतिहास बहुत प्राचीन और समृद्ध है। 19वीं सदी में समाचारों और पत्रिकाओं का उद्भव उन्नत सांस्कृतिक प्रथाओं का परिणाम था। मेदिनीपुर जिले से पहला अखबार आज ही के दिन 172 साल पहले प्रकाशित हुआ था।

देश में सिपाही विद्रोह की आग तब तक भड़की नहीं थी। उस समाचार पत्र की यात्रा जून 1851 ई. से प्रारम्भ हुई। नाम था ‘मेदिनीपुर और हिजली क्षेत्र का के अध्यक्ष। यह प्रमुख’ मासिक समाचार पत्र द्विभाषी था, जो मेदिनीपुर शहर के कलेक्टर कार्यालय द्वारा प्रकाशित किया जाता था। साथ ही इसे बांग्ला और अंग्रेजी भाषा में भी छापा जाता था लेकिन, दुर्भाग्य से, उस इतिहास-निर्माता पत्र का एक भी अंक आज उपलब्ध नहीं है।

ध्यान देने की बात है कि 1851 में मेदिनीपुर जिले के तत्कालीन ब्रिटिश कलेक्टर एच.वी. बेइली की सदिच्छा से मेदिनीपुर जिले का पहला समाचार और पत्रिका ‘मेदिनीपुर और हिजली गार्जियन’ या ‘मिदनापुर और हिजिली गार्जियन’ प्रकाशित हुआ था। अखबार के प्रकाशन से पंद्रह साल पहले, यानी 1836 में, ब्रिटिश प्रशासन ने जिले के पश्चिमी हिस्से और हिजली के पूर्वी हिस्से को कवर करते हुए एक अभिन्न मेदिनीपुर जिले का गठन किया।

फिर भी बेईली ने जनभावना और दोनों पक्षों की सामान्य भावना की धाराओं को स्वीकार करके समाचार पत्र को सार्वभौमिक बनाने का प्रयास किया। शोधकर्ता संटू जाना और सुदर्शन सेन द्वारा संपादित ‘मेदिनीपुर का पहला समाचार पत्र’ शीर्षक संग्रह के प्रकाशन से आने वाले दिनों में युवा शोधकर्ताओं के बीच जिले के पहले समाचार पत्र के प्रति रुचि बढ़ेगी।

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