कुंडली में ग्रहण दोष कारण निवारण

वाराणसी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण दोष एक ऐसा अशुभ योग है जो जिस कुंडली में होता है उस जातक का जीवन कष्टों से भर देता है। इस दोष से प्रभावित जातक के जीवन में न तो उन्नति होती है और न ही वह आर्थिक परेशानियों से उभर पाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता और अज्ञानतावश वह जातक, अपना जीवन कई समस्याओं व मुश्किलों में व्यतीत करता रहता है। यदि वह सही समय पर योग्य ज्योतिषी की सलाह से ‘ग्रहण दोष’ का निवारण कर ले तो जीवन में चल रहीं परेशानियां काफी हद तक कम की जा सकती है।

ज्योतिष में ग्रहण दोष दूर करने के उपाय : यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में ‘सूर्य ग्रहण दोष’ है यानी  सूर्य एवम चंद्र ग्रह के साथ में राहु या केतु ग्रह की युति बन रही है तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसे जातक को भगवान शंकर की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र का जाप व शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए।

जिससे कि जातक को सूर्य ग्रहण दोष से मुक्ति मिल जाएगी इसके साथ ही सूर्य देव की आराधना व उगते हुए सूर्य को जल अर्पित कर आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से भी सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।
राहु केतू का जाप और शान्ति उतारा से भी लाभ प्राप्त होगा।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योर्तिविद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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