मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने बुधवार को रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिया। बुधवार को एमपीसी की बैठक इस वित्त वर्ष की आखिरी बैठक थी। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। आरबीआई ने लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ाई है। बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर को 25 बीपीएस बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
दर वृद्धि के निर्णय में एमपीसी में विभाजन देखा गया। चार सदस्यों ने वृद्धि के पक्ष में मतदान किया और दो ने इसके विरोध में। आरबीआई के इस कदम से लोन महंगे हो सकते हैं। आम लोगों की इएमआई बढ़ जाएगी। रिज़र्व बैंक ने उम्मीद जताई है कि 2023-24 में देश की विकास दर 6.4 फ़ीसदी रहेगी। साथ ही साल 2024 तक महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान भी लगाया।
दिसंबर 2022 में भी आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी जिसे रेपो रेट बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गई थी। आरबीआई ने इस वित्त वर्ष में अब तक छह बार रेपो रेट में कुल 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। रेपो रेट बढ़ने से होम लोन, पर्सनल लोन समेत दूसरे लोन भी महंगे हो जाएंगे।