तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : सत्ता की राजनीति में अपेक्षा और उपेक्षा दोनों का स्वाद चख चुके पूर्व सभासद सत्यदेव शर्मा नई राजनीतिक दिशा पर फिर दिग्भ्रमित नजर आ रहे हैं । विकल्पों पर गौर के बाद शर्मा ने निर्दलीय ही अगला दांव आजमाने का फैसला किया है । बता दें कि 2015 में हुए पिछले नगरपालिका चुनाव में हार के बाद से ही सत्यदेव स्थानीय राजनीति के हाशिये पर पड़े हैं । समय – समय पर अलग – अलग मंचों पर नजर आने के बावजूद औपचारिक रूप से वे किसी दल के साथ नहीं है ।
जबकि अपने परंपरागत वार्ड 19 से उन्होंने अगला नगरपालिका चुनाव लड़ने का ऐलान पहले ही कर दिया है । राजनीतिक उथल – पुथल के मौजूदा दौर में समर्थकों का उन पर नई दिशा पकड़ने का दबाव है । हालांकि विकल्पों पर गौर करने के बावजूद वे इस पर दिग्भ्रमित बने हुए हैं । शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ महीनों उन्हें कई राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों से जुड़ने का प्रस्ताव मिला है , क्योंकि चुनाव में हर किसी को संगठनकर्ता और अच्छे वक्ता की तलाश रहती है । लेकिन किसी से भी उन्होंने हां नहीं कहा है। क्योंकि राजनीति और चुनाव में अपार संसाधन की जरूरत होती है । बड़े आधार वाले दल से जुड़ने में भी व्यावहारिक दिक्कतें हैं ।
आजकल हर कोई सत्तारूढ़ राजनीतिक दल से जुड़ता नजर आ रहा है । जब किसी पार्टी में यह होता है तो उसका अंत भी नजदीक ही होता है । कभी कम्युनिस्ट पार्टियों के साथ भी यह हुआ था , बाद में उनका हश्र सब देख चुके हैं । लिहाजा फिलहाल वे अपना राजनैतिक ध्यान फिलहाल वार्ड 19 से निर्दलीय चुनाव लड़ने पर केंद्रित करना चाहते हैं । उनकी प्राथमिकता में वार्ड 19 के साथ ही वार्ड 8 है , जहां से उनकी पत्नी मीरादेवी शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार हो सकती हैं । नगरपालिका चुनाव पर कायम धुंध के छंटते ही वे मुद्दों के साथ जनता के बीच जाएंगे ।