राजीव कुमार झा की कविता : सिनेमा

।।सिनेमा।।
राजीव कुमार झा

मौसम प्यार के
वायदों को लेकर
घर पर आया
यहां जिंदगी के साथ
तुमने अपना सारा दिन
ठंड में सिनेमा देखते
बिताया
यहां कुहासे के बाद
चैत में रंग-बिरंगी धूप
हर तरफ फैल जाएगी
होली के बाद
अपने घर आकर
जो लोग फिर चले गये
उनकी याद आएगी

राजीव कुमार झा, कवि/ समीक्षक

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