कोलकाता। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक पर कूचबिहार के दिनहटा में हुए हमले की जांच के आदेश कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को काफी पहले दिए थे। नियमानुसार कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद जिला पुलिस को जांच से संबंधित सारे दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को सौंप देनी थी लेकिन अभी तक पुलिस कोई दस्तावेज नहीं दी है। इसे लेकर मंगलवार को केंद्रीय एजेंसी ने न्यायालय की अवमानना का दावा कर एक बार फिर कलकत्ता हाईकोर्ट का ध्यानाकर्षण किया है। तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राई भट्टाचार्य की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।
मंगलवार को इसी मामले में अतिरिक्त आवेदन देकर सीबीआई ने बताया है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद पश्चिम बंगाल पुलिस ने जांच से संबंधित कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया है। इसलिए अभी तक केंद्रीय एजेंसी जांच शुरू नहीं कर पाई है। केंद्रीय एजेंसी ने पुलिस के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला शुरू करने के लिए अनुमति मांगी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने केंद्रीय एजेंसी को आवेदन दाखिल करने की अनुमति दे दी है। इसी हफ्ते मामले की सुनवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि गत 25 फरवरी को कूचबिहार के दिन हटा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के काफिले पर पत्थरबाजी और बमबारी हुई थी। गोली भी चलाई गई है। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया था कि पुलिस ने सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची है। इस संबंध में हमलावर तृणमूल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस ने भाजपा के ही 25 कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कर ली थी जिस पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी। सीबीआई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था लेकिन पुलिस ने दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करवाया है।