मालदा में गंगा के कटाव में बह गया पुलिस कैंप, कई गांव के लोग हुए विस्थापित

मालदा। रतुआ थाना के महानंदटोला इलाके में एक पूरा पुलिस कैंप गंगा के कटाव में बह गया है। सोमवार पूरी रात की बारिश के बाद यह स्थिति बन गयी है। घटना के बाद मंगलवार की सुबह से ही रतुआ 1 ब्लॉक के महानंदोला ग्राम पंचायत के गंगा के विशाल इलाके में आम लोगों के बीच दहशत का माहौल है। गंगा में कटान के कारण कई परिवार पहले ही अपना फर्नीचर लेकर इलाके से चले गए हैं। हालाँकि, पुलिस कैंप के कर्मचारी पहले ही सामानों के साथ एक स्थानीय बाढ़ केंद्र में शरण ले चुके हैं। रतुआ थाने के आईसी संजय दत्त ने बताया कि महानंदटोला स्थित पुलिस कैंप गंगा की बाढ़ में डूब गया है।

पुलिस कर्मियों को पहले ही स्थानीय बाढ़ केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। लेकिन गांव में सुरक्षा की कोई समस्या नहीं है। हालांकि, पुलिस पदाधिकारी व कर्मी संबंधित कैंपों में काम कर रहे थे। फिलहाल एक अस्थायी कैंप के बारे में सोचा गया है। रतुआ के तृणमूल विधायक समर मुखर्जी ने कहा, मालदा जिला गंगा के किनारे बसा है। अब तक केंद्र के अधीन फरक्का बराज प्राधिकरण इसे ढहने से रोकने के लिए काम कर रहा था। पिछले कुछ सालों में इसने अचानक काम करना बंद कर दिया है। इस बीच, सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया है और कहा है कि दरार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

जो काम केंद्र को करना चाहिए था, वह काम अब जिला प्रशासन को करना पड़ता है। उत्तरी मालदा से भाजपा सांसद खगेन मुर्मू ने कहा कि पिछले कुछ समय से फरक्का बैराज के अधिकारी गंगा के कटाव को रोकने के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन इन सभी क्षेत्रों में तृणमूल को इतना कटमनी देना पड़ता है कि यह काम ठीक से नहीं हो पाता। सिंचाई विभाग पिछले कुछ वर्षों से कटाव रोकने के लिए कार्य कर रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि उस काम में भी भ्रष्टाचार है। जिसके चलते अब आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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