पोइला बैसाख बंगाल के समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति का प्रतीक : ममता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा की ओर से पोइला बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव पास करने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि यह दिन पश्चिम बंगाल की समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पश्चिम बंगाल विधान सभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है और ‘बांग्ला दिवस’ पर सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की है।

अब से, पोइला बैसाख, बंगाली नव वर्ष का शुभ दिन, हमारा स्थापना दिवस होगा, जो हमारी समृद्ध विरासत और जीवंत संस्कृति का प्रतीक है। इसके साथ ही, कवि गुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जल’ हमारा नया राज्य गान बन जाएगा। यह हम सभी के लिए बहुत गर्व का दिन है। आइए हमारी प्रगति और एकजुटता का जश्न मनाएं!”

बंगाल दिवस के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचे शुभेंदु

पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में पोइला बैसाख यानी बंगाली नव वर्ष के पहले दिन को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके खिलाफ नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने अन्य विधायकों को लेकर राजभवन में शिकायत की है। उन्होंने राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस से मिलकर इस प्रस्ताव को सहमति नहीं देने का अनुरोध किया है। इसके लिए पार्टी की ओर से उन्होंने ज्ञापन भी सौंपे है।

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