कवयित्री सत्यवती सिंह सत्या और कवि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर का सारस्वत अभिनंदन किया गया

बरेली । मुकुट बिहारी लाल साहित्यिक संस्था, बरेली के तत्वावधान में पीयूष गोयल बेदिल के आवास 131, गंगापुर पर काव्य गोष्ठी में बरेली की कवयित्री सत्यवती सिंह सत्या और कवि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर का सारस्वत अभिनंदन किया गया। दोनों साहित्यकारों को माल्यार्पण करके उत्तरीय, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। दोनों साहित्यकारों का सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि इंद्रदेव त्रिवेदी, कार्यक्रम अध्यक्ष शायर विनय सागर जायसवाल, संस्था अध्यक्ष भगवत स्वरूप गोयल, सचिव पीयूष गोयल बेदिल, उपाध्यक्ष प्रदीप गोयल, रवि मनोहर गोयल और प्रचार सचिव अनुराग वाजपेयी ने सामूहिक रूप से किया।

कार्यक्रम का प्रारंभ कवि हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष की वाणी वंदना से हुआ। संस्था सचिव पीयूष गोयल बेदिल ने शायर स्व. मुकुट बिहारी लाल बेदिल की अनेक शायरी प्रस्तुत कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया। उनकी ये ग़ज़ल खूब पसंद की गईं-
सुकूं का नाम है लब पर मगर करार नहीं।
बहार तो आ गई पर लज्जते बहार नहीं।।

उपस्थित प्रमुख कवियों और शायरों में विनय सागर जायसवाल, इंद्रदेव त्रिवेदी, रणधीर प्रसाद गौड़ धीर, सत्यवती सिंह सत्या, मिलन कुमार मिलन, हिमांशु श्रोत्रिय निष्पक्ष, ब्रिजेंद्र अकिंचन, राम प्रकाश सिंह ओज, उपेंद्र कुमार सक्सेना, मनोज टिंकू, ग़ज़ल राज आदि ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भरपूर आनंद दिलाया। कार्यक्रम का सफल संचालन कवि गजलराज ने किया तथा सभी का आभार पीयूष गोयल बेदिल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में भगवत स्वरूप गोयल, अनुराग वाजपेयी, प्रदीप गोयल, रवि मनोज गोयल, प्रीति गोयल, निशा गोयल, एकता अग्रवाल, श्लोक गोयल, अक्षत अग्रवाल, अनंत अग्रवाल, अक्षत अग्रवाल, सुदीप गोयल और मयंक गोयल प्रमुखता से उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

6 + 16 =