अनुराधा वर्मा “अनु” की कविता : कारगिल के शहीदों को नमन

।।कारगिल के शहीदों को नमन।।
अनुराधा वर्मा “अनु”

ना रहते नौजवान तो हम कहां गये होते,
लुटाकर कारगिल को हम लूट गए होते।

हम समझ न सके दुश्मनों की चाल यारों,
ना लड़ते सिपाही तो कारगिल भी दे गए होते।

राजनीति तो हो गई है वेश्याओं की तरह,
सैनिक भी अगर सुख की नींद सो गए होते।

आबरू नही बचता अपनें वतन का,
भारत के सुनहरे नाम भी धूल गए होते।

सैनिकों के हौसले थे बुलंद चोटियों पर,
बाध्यता न होती तो इस्लामाबाद जीत गए होते।

नमन करता हूं ऐ भारत के वीर सिपाहियों,
हम हार जाते जंग अगर तुम डर गये होते।।

अनुराधा वर्मा “अनु”

जय हिंद

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