सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पानी व कीचड़ से मरीजों को परेशानी

जलपाईगुड़ी। जलपाईगुड़ी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल परिसर गंदगी और कचरे के ढेर में पसरा हुआ है। जगह-जगह लगे कचरे के ढेर के कारण क्षेत्र में जल निकासी व्यवस्था बदहाल है। इस वजह से अस्पताल के गेट से लेकर पूरे इलाके में हल्की बारिश से पानी भर गया है। इस दुर्गंधयुक्त पानी के कारण व्यवसायी अस्पताल के सामने अपनी दुकानें नहीं खोल पाए। मामले की जानकारी होने पर जलपाईगुड़ी नगरपालिका अध्यक्ष स्वरूप मंडल ने मौके का दौरा किया। जलपाईगुड़ी में टीबी अस्पतालपाड़ा से सटे संजय नगर कॉलोनी इलाके में एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है। अस्पताल के आसपास करीब 50 दुकानें हैं।

पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से पानी जमा होने से स्थानीय फुटपाथ व्यवसायियों को परेशानी हो रही है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के प्रवेश द्वार पर भी जलभराव के कारण मरीजों व मरीजों के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानों के अंदर पानी घुसने से स्थानीय व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दी हैं। व्यापारियों का आरोप है कि निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने से दुकान में पानी घुस रहा है। स्थानीय पंचायत सदस्य संतू दास ने इस खराब स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि वे जेसीबी मशीनों से नालों की सफाई करने का प्रयास करेंगे।

लिंक नहर बांध टूटने से जटियाकाली क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति

सिलीगुड़ी। लिंक नहर का बांध टूट जाने से जटियाकाली क्षेत्र में नहर का पानी घुसकर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। अचानक रात के अंधेरे में नहर का पानी गांव के कई घरों में घुस गया। फूलबाड़ी से सटे जटियाकाली प्रधानपाड़ा इलाके में कुछ देर के लिए बाढ़ की स्थिति बन गई। सोमवार की शाम तक इस घटना से इलाके में अफरा तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक अचानक तेज आवाज सुनाई देने लगी। कुछ समझ पाते इससे पहले लिंक नहर का पानी घर में घुसने लगा। अचानक बाढ़ का पानी देख निवासी डर के मारे भागने लगे।

सब लोग घर का सामान बचाने में लग गए। घर के आंगन में पानी नदी की तरह बहने लगा। देखते ही देखते सड़क और अगल-बगल में पानी भर गया। खबर सुनकर स्थानीय पंचायत सदस्य इलाके में पहुंचे। तीस्ता नहर के प्रभारी अधिकारियों से संपर्क किया गया। अंत में जब मुख्य नहर का लॉक गेट बंद कर दिया गया और पानी कम हो गया, तो ग्रामीणों को राहत मिली। तीस्ता नहर के इस लिंक के बगल में घनी आबादी है और स्थानीय लोगों का मानना है कि यह घटना नहर के बांध के कारण हुई है।

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