कोलकाता। पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को वर्चुअल जरिए से अलीपुर कोर्ट में हाजिरी लगाई। इस दौरान उन्होंने घड़ी और अंगूठी पहन रखी थी जिसे लेकर ईडी ने दावा किया कि मंत्री बेहद प्रभावशाली हैं। इन्हें किसी भी सूरत में जमानत नहीं मिलने चाहिए। दरअसल जेल कोड के मुताबिक किसी भी कैदी को कोई भी आभूषण पहनने की अनुमति नहीं होती। इसकी वजह उसकी व्यक्तिगत सुरक्षा भी है और जेल का नियम भी है।
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कैदियों के बीच किसी तरह का भेदभाव ना रहे लेकिन उन्होंने अंगूठी पहन रखी थी और घड़ी बांध रखी थी। इस पर ईडी के अधिवक्ता ने कोर्ट का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री कितने प्रभावशाली हैं कि जेल कोड उनके लिए कोई मायने नहीं रखता, ना ही जेल प्रबंधन के लिए नियम कोई मायने रखता है। इन्हें किसी भी सूरत में जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
इसके जवाब में पार्थ के अधिवक्ता ने बताया कि इस बारे में पता नहीं था। आगे से ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा पार्थ के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि पूर्व मंत्री को तो इस नियम के बारे में पता भी नहीं है। इस पर जज ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मंत्री को नहीं पता है? लेकिन पार्थ चटर्जी तो कानून के छात्र रहे हैं। उन्हें तो पता होना चाहिए। इसके अलावा जेल प्रबंधन तो नियमों को जानता है। यह सब अजीब है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला संरक्षित रखा है।