बहरमपुर आर्ट फेस्टिवल में जुटे देश-विदेश के चित्रकार

तारकेश कुमार ओझा । मुर्शिदाबाद जिला अंतर्गत बहरमपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव में देश-विदेश के कलाकारों के जुटान की वजह से अविस्मरणीय बन कर रह गया। महोत्सव की शुरुआत 16 जून को ‘थर्ड आई’ कलाकार समूह की पहल पर बहरमपुर के कलेक्ट्रेट क्लब हॉल में हुई। सोमवार को उत्सव का अंतिम दिन था। देश-विदेश से 75 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। बर्ड आई ग्रुप के अधिकारियों का दावा है कि मुर्शिदाबाद जिले तथा भारत के अन्य राज्यों के साथ-साथ बहरीन, बांग्लादेश, नेपाल के विभिन्न हिस्सों के कलाकारों ने उनके इस उत्सव में भाग लिया।

महोत्सव में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र दिए गए हैं। सभागार में न केवल समारोह या चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गई बल्कि, आयोजकों ने चित्रकारों को विभिन्न स्थानों पर ले जाकर प्रकृति के बीच में पेंटिंग की भी व्यवस्था की। उद्घाटन समारोह की सुबह बेलवंडर सरगाछी के एक रिसॉर्ट में कलाकारों की व्यवस्था की गई। वहीं बहरमपुर के महोत्सव परिसर में आयोजित प्रदर्शनी में आंकी गई तस्वीर लगाई गई। इसके अलावा उद्घाटन समारोह से पहले कंपनी की ओर से बहरमपुर में पदयात्रा का आयोजन किया गया।

दूसरे दिन ग्लोबल वार्मिंग और प्रकृति पर छवि को आकार देने पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निदेशक डॉ. रविशंकर प्रसाद रवि उपस्थित थे। बहरमपुर सुधार गृह के सुनील साहा, शुभ सरकार बहरीन के निदेशक सुमन विश्वास तथा शिल्पी सुदीप्त हलधर भी समारोह में उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र दिए गए। यह आयोजन हर साल समूह के अध्यक्ष अंशुमन साहा की पहल पर आयोजित किया जाता है। साथ ही उस दिन विद्यार्थियों के साथ चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

अंतिम दिन 20 जून को मुख्यालय मुर्शिदाबाद की यात्रा का आयोजन किया गया। मुर्शिदाबाद शहर में हजारदुआरी पैलेस, इमामबाड़ा, कटरा मस्जिद, काठगोल बागान, मोतीझील प्रकृति तीर्थ का दौरा किया और इन पर चर्चा की। थर्ड आई ग्रुप के संपादक सोमनाथ विश्वास ने कहा, “मूल रूप से हमारे संगठन के अध्यक्ष अंशुमान साहा पिछले चार वर्षों से अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनियों और समारोहों का आयोजन कर रहे हैं। इस तरह की पहल के परिणामस्वरूप, देश-विदेश के कलाकारों के साथ हमारा संवाद और अधिक गहन होगा।

हमारे आर्ट कॉलर को उनकी कला से बदला जाएगा। नतीजतन, पेंटिंग उद्योग की गुणवत्ता में और सुधार होगा। तृतीय नेत्र द्वारा आयोजित कार्यशाला में लालगोला के कलाकार और शिक्षक पृथ्वी मिजानूर खान और कलाकार अमित दास ने अपने छात्रों के साथ बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। उद्यमियों का दावा है कि इस साल के आयोजन पर हमें काफी अच्छा रिस्पोंस मिला है। प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए जितने चित्र आए हैं, उतने ही उत्सव के दौरान चित्र बनाए भी गए हैं।

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