राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के वार्षिक समारोह के उपलक्ष में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन

जाने कैसा फाल्गुन आया, जाने कैसी होली है : स्वागता बसु

राजस्थान पत्रिका में है जान जता क्यों नही देते/छपते है राष्ट्रहित का समाचार बता क्यों नही देते : “पुकार” गाजीपुरी

पत्रकारिता की दुनिया में निष्पक्ष, निर्भीक पत्रकारिता का पर्याय पत्रिका : डॉ. गिरिधर राय

कोलकाता । राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के वार्षिक समारोह के उपलक्ष में प्रख्यात रचनाकारों द्वारा डॉ. गिरिधर राय की अध्यक्षता में काव्य लहरी के फेसबुक पेज पर गूगल मीट द्वारा एक भव्य कवि सम्मेलन का शनिवार को आयोजन हुआ जिसमें सभी ने अपने सतरंगी रचनाओं से पटल पर उपस्थित सभी श्रोताओं को गीतों के रंग में सराबोर कर दिया। कार्यक्रम को अपने दमदार संचालन से देवेश मिश्रा ने सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का श्रीगणेश रामाकान्त सिन्हा द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुआ।

इसके उपरांत कार्यक्रम के अध्यक्ष राय साहब ने राजस्थान पत्रिका का इतिहास बताते हुए कहा कि राजस्थान पत्रिका अखबार आज पत्रकारिता की दुनिया में निष्पक्ष पत्रकारिता का पर्याय बन चुका है। उन्होंने प्रधान संपादक और उनकी टीम के सभी सदस्यों के क्रिया कलापों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। रचनाओं में देवेश मिश्र की “वीर शिवाजी की गाथा है मेरे बस की बात नहीं/लिखूं शिवाजी पर मैं कविता मेरी ये औकात नहीं। रामाकान्त सिन्हा की “नई राह बनाएं हम मंजिल को पाएं हम/है सोई हुई दुनिया चलो इसे जगाएं हम।

हिमाद्रि मिश्रा का राजस्थानी एवं मैथली गीत, स्वागता बसु की “जाने कैसा फागुन आया जाने कैसी होली है” श्यामा सिंह की छणिकाएँ, रामपुकार सिंह की ग़ज़ल” रंग छाये जब यार होली का/खूब होता श्रृंगार होली का” ने सभी हृदय को विभोर कर दिया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की प्रख्यात कवयित्री मल्लिका रुद्रा, कवि अशोक कुमार पाण्डेय, कवयित्री अनुराधा सिंह सहित अनेक सुधिजन भी उपस्थित थे। अंत में स्वागता बसु के धन्यवाद ज्ञापन के साथ ही कार्यक्रम सफलता पूर्वक सुसंपन्न हुआ।

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