ऑनलाइन बहुभाषी ट्रांसजेंडर लेखक सम्मिलन का आयोजन

डॉ. देवेन्द्र कुमार देवेश, कोलकाता। साहित्य अकादेमी द्वारा पहली बार एक ऑनलाइन बहुभाषी ट्रांसजेंडर लेखक सम्मिलन का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन बांग्ला की प्रख्यात ट्रांसजेंडर लेखिका और ‘अवमानव’ पत्रिका की संपादिका मानवी बंद्योपाध्याय ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने स्वागत भाषण करते हुए बताया कि पहली बार अकादेमी द्वारा 1918 में कोलकाता में ट्रांसजेंडर कवि सम्मिलन का आयोजन किया गया था, जिसके बाद से ट्रांसजेंडर लेखकों का सम्मेलन अकादेमी के वार्षिक साहित्योत्सव का हिस्सा बन गया तथा अकादेमी द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय साहित्योत्सव ‘उन्मेष’ में भी ट्रांसजेंडर लेखकों की भागीदारी रही।

अपने उद्घाटन वक्तव्य में मानवी बंद्योपाध्याय ने ट्रांसजेंडर लेखकों को अपनी सर्जनात्मकता के साथ आगे आने की अपील की। अपने आरंभिक वक्तव्य में प्रख्यात ट्रांसजेंडर लेखिका देविका देवेंद्र एस. मंगलामुखी ने अपने वक्तव्य में अकादेमी के प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि निश्चय ही अकादेमी की पहलकदमी के कारण ही ट्रांसजेंडर लेखकों को तमाम महत्वपूर्ण साहित्य समारोहों में जगह मिलने लगी है। लेखक सम्मिलन में दो सत्रों में रचना-पाठ का आयोजन किया गया था।

कहानी-पाठ के अंतर्गत भैरवी अमरानी (अंग्रेजी), देवांशी विश्वास (बांग्ला) एवं संजना साइमन (हिंदी) ने अपनी कहानियों का पाठ किया, जबकि कविता-पाठ के अंतर्गत फॉलिना चोङथु (अंग्रेजी), गुरजान सिंह (पंजाबी), माया उर्मिला कोली (ओड़िआ), मयूरी डेका (असमिया), पायल राठवा (गुजराती), रेशमा प्रसाद (हिंदी), ऋत्विक चक्रवर्ती (बांग्ला) और शिवेन गुरेजा (हिंदी) ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन और अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन अकादेमी के सहायक संपादक क्षेत्रवासी नायक द्वारा किया गया।ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

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