अब कोरोना के आंकड़े छिपाने को लेकर केंद्र और राज्य में तकरार

कोलकाता। बीएसएफ क्षेत्राधिकार समेत विभिन्न मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार और राज्य सरकार में चल रही तनातनी के बीच अब देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के बढ़ते संक्रमण के बीच एक बार फिर केंद्र और बंगाल सरकार में संक्रमण के आंकड़े छुपाने को लेकर तकरार शुरू हो गई है। केंद्र का दावा है कि राज्य सरकार जानबूझकर कम संख्या में सैंपल टेस्ट कर रही है जिसकी वजह से संक्रमण का वास्तविक आंकड़ा सामने नहीं आ रहा। इसके अलावा राज्य आरोप लगा रहा है कि बंगाल को बदनाम करने के लिए गलत आंकड़े का इस्तेमाल केंद्र सरकार कर रही हैं।

दरअसल दो दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा गया था जिसमें कम सैंपल जांच को लेकर सवाल खड़ा किए गए थे और दावा किया गया था कि यहां संक्रमण में तेजी के बावजूद राज्य सरकार लापरवाही कर रही है। अब इसके जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि गलत आंकड़े का इस्तेमाल कर केंद्र सरकार राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार की ओर से लिखे पत्र में दावा किया गया है कि दो सप्ताह के दौरान पश्चिम बंगाल में संक्रमण दार 5.38 फीसदी जो चिंता का सबब है।

केंद्र ने दावा किया है कि सैंपल जांच की संख्या बड़े पैमाने पर राज्य सरकार ने कम कर दी है जिसके कारण यह अवस्था हो रही है। शनिवार को केंद्र की ओर से भेजे गये पत्र में 10 राज्यों के 27 जिलों का जिक्र किया गया है जिसमें कोलकाता का भी नाम शामिल है। इसमें बताया गया है कि पिछले दो सप्ताह में कोलकाता में केवल 28 हजार 538 लोगों के नमूने जांचे गए हैं। इनमें से 80 फ़ीसदी से अधिक लोगों की आरटीपीसीआर जांच गई है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर यहां संक्रमण दर 5.38 फ़ीसदी है। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा है।

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विसेस डॉक्टर्स के सदस्य उत्पल बनर्जी ने इस संबंध में बताया कि कि जितने लोगों का टेस्ट हो रहा है उनमें से एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट नहीं बताई जा रही है। राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों के सरकारी अनुमति प्राप्त लेबोरेटरी को भी निर्देश दे दिया है कि सैंपल का होम कलेक्शन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा प्राइवेट लैब को भी निर्देश दे दिया गया है कि निर्दिष्ट संख्या से अधिक सैंपल का कलेक्शन नहीं किया जाए।

इसकी वजह से बड़े पैमाने पर सैंपल जांच नहीं हो रही। ऐसे में इस बात की संभावना है कि संक्रमित लोग बिना जांच आम लोगों के बीच घूम फिर रहे हैं जिसके कारण संक्रमण विकराल रूप ले सकता है। हालांकि तृणमूल के सांसद और पार्टी के महासचिव सांतनु सेन ने कहा कि जब बंगाल में संक्रमण केवल दो फ़ीसदी था तब विधानसभा चुनाव कराकर केंद्र ने इसे 30 फ़ीसदी कर दिया था। अब जबकि कोलकाता सहित पूरे राज्य में संक्रमण नियंत्रित है तो इसे बढ़ा कर दिखाया जा रहा है।

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