अब बंगाल के मदरसों में भी शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े के आरोप

कोलकाता।  पश्चिम बंगाल सरकार में पहले से ही स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसी है। ऐसे में राज्य के मदरसों में भी शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े के आरोप सामने आ रहे हैं। बंगाल मदरसा एजुकेशन फोरम ने शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े को लेकर आवाज उठाई है। फोरम का कहना है कि राज्य के कई मदरसों में फर्जी शिक्षक की भर्ती की गई हैं। जो पढ़ाने नहीं जाते और वेतन का दावा करते हैं। फोरम ने बताया कि वर्ष 2016 में अवैध तरीके से इन मदरसों की मैनेजिंग कमेटी तैयार की गई थी। उसके बाद इन्हीं ने शिक्षक कमेटियों ने भर्ती की थी।

साल 2016 से साल 2022 तक कुल 6 साल होने जा रहे हैं। संगठन का आरोप है कि यह फर्जी शिक्षक पढ़ाने के लिए मदरसा भी नहीं जाते हैं, और वेतन की मांग की पर मामला दायर किया है। बंगाल मदरसा एजुकेशन फोरम के सचिव रबीउल इस्लाम कहना है कि राज्य के विभिन्न मदरसों में 500 से अधिक फर्जी शिक्षक हैं। कुल 537 शिक्षकों ने हाल ही में शिकायत की थी कि उन्हें 2016 से वेतन नहीं मिल रहा है।

इस संबंध में उन्होंने बकाया वेतन के लिए सुप्रीम कोर्ट में मामला भी दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है। मदरसा शिक्षक संगठन ने शिकायत की थी कि कई शिकायतकर्ता फर्जी शिक्षक हैं। विभिन्न मदरसों की प्रबंध समिति ने उन्हें बैकडेट में नियुक्त कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक 537 लोगों को बकाया वेतन देने के लिए सरकार करीब 192 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।

सचिव रबीउल इस्लाम ने कहा, ‘वर्तमान समय में मदरसों में शिक्षक 2018 में मदरसा सेवा आयोग के माध्यम से काम कर रहे हैं और सरकारी नियमों के अनुसार अनुमोदन किया गया है। दूसरी फर्जी मैनेजमेंट कमेटी ने वर्ष 2016 में उसी पद पर शिक्षकों की भर्ती की थी। संगठन का आरोप है कि पूरी भर्ती का एक तरीका होता है। जो लोग सुप्रीम कोर्ट गए हैं उनका आरोप है कि वे इतने लंबे समय से काम कर रहे हैं लेकिन कोई वेतन नहीं दिया गया है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 2 =