कोलकाता की नॉन एसी बसों में लगेंगे प्रदूषण मापने वाले ‘चिप’

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत राज्यभर में चलने वाली पेट्रोल डीजल की गाड़ियों से निकालने वाला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण है। महानगर कोलकाता ही नहीं बल्कि देश के सभी राज्यों के लिए प्रदूषण बड़ी समस्या बन गया है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पश्चिम बंगाल सरकार नयी पहल कर रही है। राज्य के पर्यावरण मंत्री मानस भूइंया ने कहा कि वायु प्रदूषण को मापने के लिए सरकारी बसों में सेंसर लगाए जाएंगे। पहले यह कोलकाता वाली बसों पर लगेंगे उसके बाद राज्य के दूसरे रुटों की बसों में चिप लगाने पर विचार किया जाएगा।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पर्यावरण विभाग एक संस्था के साथ मिलकर प्रदूषण नियंत्रण पर काम कर रहा है। इसके तहत 7 नॉन एसी बसों में एक डिवाइस या चिप लगाये जाएंगे। इस डिवाइस से यह पता चलेगा कि किन जगहों पर वायु प्रदूषण अधिक है और कहां कम हैं। ऐसे में बोर्ड के लिए वहां काम करना आसान हो जाएगा। जगह चिन्हित होने पर कारण भी सामने ही आएंगे।

बोर्ड की ओर से बताया गया कि भविष्य में अगर बसों में लगने वाला सेंसर काम करता है तो प्रदूषण नियंत्रण आसान हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि कई राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड फिर संबंधित जगह पर कारण को देखते हुए कार्रवाई करेगा। इलाके में प्रदूषण बढ़ने का कारण क्या है ? किन इलाकों में प्रदूषण बढ़ा है? प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। इन सभी बातों समस्याओं का हल निकाला जाएगा। मंत्री मानस भुइंया ने उल्लेख किया कि हाल ही में एक बैठक हुई थी, जिसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि आए थे।

देश के तीन राज्यों के प्रतिनिधि थे। विश्व बैंक के अधिकारियों के सामने सभी की मौजूदगी में घोषित मंत्री का दावा है कि पश्चिम बंगाल ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय किए हैं, जबकि भारत के कई राज्य ऐसा नहीं कर पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा, “हम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करेंगे, अगर भविष्य में अंतरराज्यीय सेमिनार आयोजित किए जा सकते हैं, तो पश्चिम बंगाल इसमें अग्रणी भूमिका निभाएगा।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

8 − six =