जन्म के महीने से भी जाना जा सकता है स्त्रियों का स्वभाव

वाराणसी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्त्रियों का स्वभाव उनके जन्म के मास से भी जाना जा सकता है। यहां हम क्रम से हिन्दी मास में जन्म लेने वाली महिलाओं के स्वभाव की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

चैत्र मास : चैत्र मास में जन्म लेने वाली स्त्री वक्ता, होशियार, क्रोधी स्वभाव वाली, रतनारे नेत्र वाली, सुंदर रूप- गोरे रंग वाली, धनवान, पुत्रवती और सभी सुखों को पाने वाली होती है।

वैशाख मास : वैशाख मास में जन्म लेने वाली स्त्री श्रेष्ठ पतिव्रता, कोमल स्वभाव वाली, सुंदर हृदय, बड़े नेत्रों वाली, धनवान, क्रोध करने वाली तथा मितव्ययी होती है।

ज्येष्ठ मास : ज्येष्ठ मास में पैदा होने वाली स्त्री बुद्धिमान और धनवान, तीर्थ स्थानों को जाने वाली, कार्यों में कुशल और अपने पति की प्यारी होती है।

आषाढ़ मास : आषाढ़ मास में उत्पन्न स्त्री संतानवान, धन से हीन, सुख भोगने वाली, सरल और पति की दुलारी होती है।

श्रावण मास : श्रावण मास में जन्म लेने वाली पवित्र, मोटे शरीर वाली, क्षमा करने वाली, सुंदर तथा धर्मयुक्त और सुखों को पाने वाली होती है।

भाद्र मास : भाद्र मास में जन्म लेने वाली कोमल, धन पुत्रवाली, सुखी घर की, वस्तुओं कि देखभाल करनेवाली, हमेशा प्रसन्न रहने वाली, सुशीला और मीठा बोलने वाली होती है।

आश्विन मास : आश्विन मास में जन्म लेने वाली स्त्री सुखी, धनी, शुद्ध हृदय गुण और रूपवती होती है, कार्यों में कुशल तथा अधिक कार्य करने वाली होती है।

कार्तिक मास : कार्तिक मास में जन्म लेने वाली स्त्री कुटिल स्वभाव की, चतुर, झुठ बोलने वाली, क्रूर और धन सुख वाली होती है।

मार्गशीर्ष मास : मार्गशीर्ष में जन्म लेने वाली पवित्र, मीठे वचनों वाली, दया, दान, धन, धर्म करने वाली, कार्य में कुशल और रक्षा करने वाली होती है।

पौष मास : पौष मास में जन्म लेने वाली स्त्री पुरुष के समान स्वभाव वाली, पति से विमुख, समाज में गर्व तथा क्रोध रखने वाली होती है।

माघ मास : माघ मास में जन्म लेने वाली स्त्री धनी, सौभाग्यवान, बुद्धिमान संतान से युक्त तथा कटु पर सत्य वचन बोलने वाली होती है।

फाल्गुन मास : फाल्गुन मास में जन्म लेने वाली स्त्री सर्वगुण संपन्न, ऐश्वर्यशाली, सुखी और संतति वाली तीर्थ यात्रा पर जाने वाली तथा कल्याण करने वाली होती है।

ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। यह लेख जनश्रुतियों और व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर है। कोलकाता हिंदी न्यूज इसका समर्थन या विरोध नहीं करता है।)

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