लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में पुलिस दबिश के दौरान एक महिला की मौत के मामले में पुलिस पार्टी के ख़िलाफ़ हत्या का मुक़दमा दर्ज कर किया गया है। सिद्धार्थनगर के अपर पुलिस अधीक्षक सुरेश चंद्र रावत ने मीडिया से बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि की है। शनिवार की रात गोकशी की सूचना पर पुलिस की एक टीम इस्लामनगर स्थित कोडरा ग्रांट गांव गई थी। उसी दौरान रोशनी नाम की एक महिला की मौत हो गई थी।पुलिस के अनुसार महिला की उम्र क़रीब 60 साल थी। परिजनों का आरोप है कि छापेमारी के दौरान पुलिस की गोली से महिला की मौत हुई है उन्हीं की शिकायत पर पुलिस पार्टी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है।
सुरेश चंद्र रावत ने कहा कि दूसरे थाने को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है और इस बात की जाँच की जा रही है कि किन परिस्थितियों में पुलिस की टीम वहां रेड करने गई थी। अपर पुलिस अधीक्षक ने विश्वास दिलाया कि निष्पक्ष कार्रवाई की जा रही है और जो भी दोषी होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। आख़िर पुलिस उस घर में रेड करने क्यों गई थी, इस सवाल के जवाब में सुरेश चंद्र रावत ने कहा, “इस गांव में चार बड़े हिस्ट्रीशीटर हैं और गोकशी की अक्सर शिकायतें आती रहतीं हैं। अभी पाँच दिन पहले भी दो अभियुक्त इस गांव से पकड़े गए थे जिन्होंने प्रतिबंधित पशु का वध किया था।”
घटना के बाद कोड़रा गाँव और ज़िला चिकित्सालय में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। मृतका के एक बेटे अतीक़ुर्रहमान का कहना है कि शनिवार रात 10 बजे पुलिस उनके घर आई थी। इस समय उनके भाई अब्दुर्रहमान सो रहे थे, पुलिस उन्हें उठाकर अपने साथ लेकर जाने लगी। इस पर उनकी मां रोशनी ने इन लोगों का विरोध किया और जब उनकी मां उनके भाई को पुलिस वालों से छुड़ाने की कोशिश कर रही थी तो पुलिस वालों ने उन पर गोली चला दी।
अब्दुर्रहमान का कहना है कि पुलिस ने मेरी आंखों के सामने उनकी मां को गोली मारी और मुझे उठाकर ले गए। परिवार वालों का कहना है कि ख़ून में लथपथ वे अपनी मां को लेकर ज़िला चिकित्सालय पहुँचे लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। ज़िला चिकित्सालय के डॉक्टर शैलेन्द्र कुमार ने बताया कि शनिवार को 11 बजकर 25 मिनट पर महिला को अस्पताल लाया गया था लेकिन अस्पताल पहुँचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टर के अनुसार मौत कैसे हुई यह जाँच के बाद ही बताया जा सकता है।