अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित बहुभाषी कवि सम्मिलन

कोलकाता। साहित्य अकादेमी द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर ‘बहुभाषी कवि सम्मिलन का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रतिष्ठित मैथिली कवि प्रो. विद्यानंद झा ने की। कार्यक्रम में दस भाषाओं में कविताएँ पढ़ी गई। कविताएँ मूल भाषा के साथ हिंदी/बांग्ला/अंग्रेजी अनुवाद में प्रस्तुत की गईं। आरंभ में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेंद्र कुमार देवेश ने औपचारिक स्वागत करते हुए साहित्य अकादेमी द्वारा भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए किए जाने वाले प्रयासों के बारे में बताया।

कार्यक्रम में अदिति बसुराय (बांग्ला), जीवन सिंह (भोजपुरी), शेखर बनर्जी (अंग्रेजी), पूनम सोनछात्रा (हिंदी), शैवालिनी साहू (ओड़िआ), नारायण प्रसाद होमगाई (नेपाली), छाया मांडी (संताली), गुरदीप सिंह संघा (पंजाबी) और अबुज़ार हाशमी (उर्दू) ने अपनी कविताओं का पाठ किया। पठित कविताओं में समय-समाज और निजी अनुभूतियों के विशाल परिदृश्य की अभिव्यक्तियों को श्रोताओं ने बहुत पसंद किया।

कविता पाठ के साथ अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में विद्यानंद झा ने भारतीय भाषाओं के उन्नयन के लिए अकादेमी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की तथा मातृभाषाओं के उत्थान के लिए यह अपील की कि प्रत्येक वर्ष हर व्यक्ति अपनी मातृभाषा में कम से कम एक पुस्तक अवश्य पढ़े तथा एक पुस्तक खरीदकर अन्य किसी व्यक्ति को उपहार में दे।

कार्यक्रम के अंत में अकादेमी के सहायक संपादक क्षेत्रवासी नायक द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय साहित्यकार और साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

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