राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा बहुभाषी काव्य गोष्ठी संपन्न

डॉ. प्रभु चौधरी, उज्जैन : प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय बहुभाषी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डॉ. ममता झा मुंबई, मुख्य अतिथि के रूप डॉ. अंजना संधीर, विशेष अतिथि प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे महाराष्ट्र रहे। विशिष्ट अतिथि श्रीमती सुवर्णा जाधव मुंबई, विशिष्ट अतिथि डॉ. शिवा लोहारिया, जयपुर, विशिष्ठ अतिथि हरि राम वाजपेयी, डा. प्रभु चौधरी महासचिव उज्जैन, विशिष्ट अतिथि डॉ. अरुणा राजेंद्र शुक्ला, नांदेड़, महाराष्ट्र विशिष्ट अतिथि श्रीमती इंद्र वर्षा, पंचकूला थी।

मुख्य अतिथि डॉ. अंजना संधीर अहमदाबाद ने कहा कि अलग-अलग भाषा में बहुभाषी काव्य गोष्ठी सराहनीय है और अलग अलग भाषा में नरेंद्र मोदी जी का काव्य संग्रह पुस्तक का अनुवाद को उन्होंने बताया और कहा कि भाषा को संवाद के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाई जा सकती है। आज की बीज कोशिश कर मौत को पकड़ने वाले वीर देखें साथ ही बारिश में भीगते यह चुनरी धानी काव्य पाठ प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

विशेष अतिथि प्राचार्य डॉ. शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख ने अपने वक्तव्य में कहा कि कवि के पास खूबी होती है। कभी कल्पना भाव को सम्मिश्रण कर कविता लेखन का कार्य कवि के लिए सरल है। अपने कविता भाव को समाज में दूर-दूर तक पहुंचा सकते हैं, क्योंकि कवि स्वतंत्र होता है। अपने स्वतंत्र शैली के माध्यम से कविता लिखता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई अपने वक्तव्य में कहा कि प्रत्येक कवि, कवियित्री अलग-अलग विषयों पर कविता लिखते हैं, जो बंधन कारक नहीं होती। कविता जब क्रमबद्ध होता है कविता कल्पना के माध्यम से लिखी जाती है।

बहुभाषी काव्य गोष्ठी के अंतर्गत कवियित्री श्रीमती प्रतिभा मगर महाराष्ट्र ने मराठी काव्य पाठ से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीमती पूर्णिमा कौशिक छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ी कविता के माध्यम से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशिष्ट अतिथि डॉ. अलपा मेहता राजकोट, गुजरात, गुजराती कविता से लोगों का दिल जीत लिया। सुश्री हेमलता शर्मा इंदौर ने मालवी काव्य पाठ के द्वारा सभी का दिल जीत लिया। डॉ. सुनीता मंडल कोलकाता ने बंगाली काव्य पाठ प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशिष्ट अतिथि श्रीमती इंद्र वर्षा पंचकूला ने अपने उद्धबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा आयोजित बहुभाषी काव्य गोष्ठी बहुत ही प्रशंसनीय है।

विशिष्ट अतिथि डॉ. अरुणा राजेंद्र शुक्ला नांदेड़ महाराष्ट्र ने अपनी कविता के माध्यम से सभी का दिल जीत लिया। हरिराम वाजपेयी राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के मार्गदर्शक ने आशीर्वाद वचन दिया। लक्ष्मीकांत वैष्णव चांपा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस से संबंधित कविता पढ़कर सबसे तालियां बटोरी। डॉ. बालासाहेब तोरस्कर ने मराठी काव्य पाठ करके सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस तरह से सभी कवि एवं कवित्रीयों ने बहुभाषी काव्य गोष्ठी को सफल बनाया।

गोष्ठी का प्रारंभ श्रीमती पूर्णिमा कौशिक के सरस्वती वंदना से हुआ। स्वागत उद्बोधन डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद ने किया। अतिथि परिचय श्रीमती गरिमा गर्ग, पंचकूला ने किया। प्रस्तावना श्रीमती सुवर्णा जाधव, मुंबई ने किया। अध्यक्षता डॉ. ममता झा मुंबई ने की। आभार राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने माना। आयोजक प्राध्यापिका रोहिणी डावरे थी। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता ने किया।

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