मोदी ने पुतिन से की यूक्रेन युद्ध रोकने की अपील

समरकंद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन से आज अपील की कि वह यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध को समाप्त करने की पहल करें तथा लोकतंत्र, कूटनीति एवं संवाद के रास्ते को अपनाएं।मोदी ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों के 22वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात की। मोदी ने अपने आरंभिक वक्तव्य में कहा, “मैं जानता हूँ कि आज का युग युद्ध का है नहीं और हमने फोन पर भी कई बार आपसे इस विषय पर बात की है कि लोकतंत्र और कूटनीति और संवाद ये सारी बातें ऐसी है कि जो दुनियां को एक स्पर्श करती है।

आने वाले दिनों में शांति के रास्ते पर हम कैसे बढ़ सकें उसके विषय में जरुर आज हमें चर्चा करने का मौका मिलेगा, आपका दृष्टिकोण समझने का मुझे भी एक अवसर मिलेगा। देखिए, फिर भी जो विषय है जिसकी बातें मैं करता रहता हूँ।” प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और रूस के संबंध अनेक गुणा बढे हैं, हम इन संबंधो को इसलिए भी महत्व देते है कि हम एक ऐसे मित्र रहे हैं जो पिछले कई दशको से हर पल एक-दुसरे के साथ रहे हैं और पूरी दुनियां भी जानती है कि भारत के साथ रूस का और रूस के साथ भारत का कैसा नाता रहा है और इसलिए दुनिया के मन में भी ये बात है कि एक अटूट मित्रता है और व्यक्तिगत रूप से मैं कहूँ तो एक प्रकार से हम दोनों की यात्रा भी समान शुरू हुई।

मैं सबसे पहले आपको 2001 में मिला, जब आप शासनाध्यक्ष के रूप में थे और मैं एक राज्य के शासनाध्यक्ष के रूप में काम शुरू किया। आज 22 साल हो गए हैं, हम लगातार हमारी दोस्ती बढती चली जा रही है,लगातार हम दोनों देश मिल कर के इस क्षेत्र की भलाई के लिए, लोगो की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। आज एससीओ शिखर सम्मेलन में भी आपने भारत के लिए जो कुछ भी भावनाएं व्यक्त की हैं, मैं इसके लिए आपका बहुत आभारी हूँ।”

उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि आज के हमारे जो द्विपक्षीय हुई, आज की हमारी जो बातचीत हुई आने वाले दिनों में हमारे संबंधो को भी गहरे करेंगें, विश्व की जो आशा-अपेक्षाएं हैं उसको पूर्ण करने में भी बहुत काम आएंगी, ऐसा मुझे पूरा भरोसा है। मैं फिर एक बार आज समय निकालने के लिए आपका बहुत-बहुत आभारी हूँ।” पुतिन ने भी इस पर सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को लेकर वह भारत के रुख एवं चिंताओं को समझतेे हैं। उन्होंने कहा कि हम इसे यथासंभव शीघ्र ही खत्म करना चाहते हैं। हम इस बारे में आपको (भारत को) जानकारी देते रहेंगे।

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