भारत में जो बिकेगा वह यहीं बनेगा: राजनाथ

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत ने विनिर्माताओं के लिए दरवाजे खोल रखे हैं लेकिन शर्त इतनी है कि ‘यहां जो बिकेगा वह यहीं बनेगा’ और इस मंत्र पर चलते हुए आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे मजबूत देश बनकर उभरेगा। सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में कहा , “ आज भारत ‘वैश्विक उम्मीद’ का केन्द्र है क्योंकि इस देश में अवसरों का भंडार है, विकल्प की भरमार है और खुलेपन का विस्तार है। भारत में जन, मन और सारा तंत्र खुलेपन का प्रतीक है।

आत्मनिर्भर भारत खुले मन से नए दरवाजे खोलने का नाम है। हमारे दरवाजे बंद नही हो रहे बल्कि और खुल रहे हैं बस शर्त इतनी है कि विनिर्माण हमारे घर पर ही करिये” भारत के बड़े बाजार के रूप में उभरने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “ यहां जो मौका है वह कहीं और नही है। हमारा सिर्फ इतना ही आग्रह है कि हमारे लिए बनाना है तो इसी देश में बनाइए। सीधे शब्दों में कहा जाये कि ‘भारत में जो बिकेगा वह यहीं बनेगा’”

उन्होंने कहा कि पिछले लगभग साढ़े आठ वर्षों में भारत ने विश्व में जो प्रतिष्ठा और सम्मान अर्जित किया है वह अभूतपूर्व है। “ मुझे विश्वास है कि अगले दस वर्षों में भारत जापान को पीछे छोड़ कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मैं तो यहां तक मानता हूं कि अगले 25 वर्षों में भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति होगा। भारत ऐसी महाशक्ति बनेगा जहां धन भी होगा और बुद्धि भी होगी। ”

सिंह ने आजादी के समय देश का नेतृत्व करने वाले दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने देशहित को सर्वप्रथम नहीं समझा। उन्होंने कहा कि यदि आजादी के समय से ही जिन लोगों के हाथ इस देश की सत्ता रही उन्होंने राष्ट्र प्रथम की नीति पर काम किया होता तो भारत दशकों पहले ही एक विकसित देश की कतार में खड़ा होता। उन्होंने कहा कि यह सही है कि भारत उस समय कमजोर था, गरीब था, इसलिए उसे विकास की राह पर रफ्तार पकड़ने में समय लगा।

मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 1950 में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। 1960 में वह लुढ़क कर आठवें और 1970 में 9वें और 1980 में तो वह टाप टेन की सूची से ही बाहर हो गई। नब्बे के दशक में थोड़ा सुधार हुआ मगर टॉप टेन की रैंकिंग में तब भी भारत बाहर ही था।
उन्होंने कहा, “ दुनिया की ‘टाप टेन’ अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वापसी पिछले दस वर्षों में हुई जब वह नवीं पायदान पर आया। आज 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़कर दुनिया की ‘टॉप फ़ाइव’ इकोनोमी में पांचवी पायदान पर है। ”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *