मिड-डे-मील की रसोई कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि व स्थायीकरण सहित कई मांगों को लेकर किया आंदोलन

मालदा। आगामी पंचायत चुनाव से पहले जिले की मिड-डे-मील पकाने वाली रसोई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। मिड डे मील के रसोई कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि व स्थायीकरण सहित कई मांगों को लेकर सड़क पर विरोध रैली निकाली। मांगें पूरी नहीं होने पर हड़ताल के साथ ही चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे गयी है। रसोई कर्मचारियों ने ब्लॉक कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया व बीडीओ को ज्ञापन सौंपा गया। मालतीपुर स्टैंड से ब्लॉक कार्यालय तक विशाल विरोध रैली निकाली गयी। एआईटीयूसी संगठन के सारा बांग्ला मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन ने इसका नेतृत्व किया।

वहीं स्थिति को सामान्य रखने के लिए चांचल थाने का भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मांग पत्र प्राप्त स्वीकार करते हुए बीडीओ ने कहा कि मांगों को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि छात्रों के स्वास्थ्य को देखते हुए मिड-डे-मील की गुणवत्ता पर जोर दिया गया है। मिड-डे-मील पहले से ही केंद्र सरकार की देखरेख में चल रहा है। मछली और मांस से लेकर विभिन्न प्रकार के पौष्टिक आहार नियमित रूप से दिये जा रहे हैं। आरोप है कि वे पूरे दिन काम करते हैं और उन्हें 20 से 30 रुपये वेतन मिलता है। वह भी सही समय पर नहीं है। इसके अलावा, रसोई कर्मचारियों को सैकड़ों छात्रों के लिए गैस सिलेंडर के बजाय मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाना पड़ता है।

रसोई कर्मचारियों की शिकायत है कि बीमा नहीं है, ना ही उचित वेतन, मिड- डे मील में खाना पकाने में सुरक्षा समेत कोई बुनियादी ढांचा नहीं है। मिड- डे मील की जिला कमेटी के सदस्य सती चौधरी ने कहा, ”हमें न्यूनतम मजदूरी के लिए काम करना पड़ रहा है।” केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने जब स्कूल के मध्याह्न भोजन का निरीक्षण किया तो स्कूल के शिक्षकों ने हमें मिट्टी के चुल्हे की जगह गैस से खाना बनाने को कहा। प्रतिनिधिमंडल के जाने के बाद फिर से पहले की तरह मिट्टी से चुल्हे में खाना बनाना पड़ रहा हैं। हमें अपने वेतन वृद्धि व नौकरी तत्काल स्थायी करना होगा अन्यथा हम अगले पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे कोई कर्मचारी भोजन भी नहीं पकायेंगी।

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