कोलकाता : बंगाल सरकार ने राज्य में मनुष्य और हाथियों के संघर्ष की घटनाओं को कम करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है जिसमें एक ऐप और एक चल चिकित्सा इकाई शामिल है। वन मंत्री राजीव बंदोपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह जानकारी दी।
बंदोपाध्याय ने कहा कि मास्टर प्लान सुनिश्चित करेगा कि उत्तर और दक्षिण बंगाल के गलियारों में हाथियों की आवाजाही पर कम से कम हस्तक्षेप हो। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि एक मोबाइल फोन ऐप होगा जो वन कर्मियों तथा स्थानीय लोगों को एक हाथी या उनके झुंड की संभावित गतिविधि की जानकारी देगा, वहीं एक चल चिकित्सा इकाई को घायल हाथियों के इलाज के लिए तैयार रखा जाएगा।
इनके अतिरिक्त हाथियों पर हमले रोकने के लिए ग्रामीणों के बीच जागरुकता अभियान चलाये जाएंगे। हमने शुरू में जुलाई तक मास्टर प्लान के भागों को लागू करने की योजना बनाई थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी चीजों में देर हो गयी। अब एक बार लॉकडाउन खुल जाए तो ही इसे क्रमिक तरीके से लागू किया जा सकता है।
बंदोपाध्याय ने कहा कि हाथियों के निकलने का समय अधिकतर अलसुबह का होता है, ऐसे में उनके रास्ते में लोगों के आने की आशंकाओं को कम करने के लिए पास के गांवों में रहने वाले लोगों को उस वक्त घरों से बाहर नहीं जाने को कहा जाएगा। उत्तर बंगाल के दुआर्स क्षेत्र के अलावा राज्य में पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया और पश्चिम बर्दवान जिलों में हाथियों के गलियारे हैं।