कोलकाता : बंगाल में पिछले पांच दिनों में कोरोना  के 1,802 मामले सामने आये हैं, जिससे राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,303 पहुंच गई। सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में जब कुछ छूट दी तो उस समय 31 मई तक दो महीनों में संक्रमण के मामलों की संख्या 5,501 थी। सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि ‘लॉकडाउन नियमों में बिना किसी योजना के छूट’’ और प्रवासियों के बड़ी संख्या में वापस लौटने को इस महामारी के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

कुछ डॉक्टरों का यह भी कहना है कि लॉकडाउन ने अपेक्षित परिणाम नहीं दिए क्योंकि मामलों में वृद्धि के बीच प्रवासियों की आवाजाही की अनुमति दी गई और प्रतिबंधों में अचानक छूट दे दी गई। शहर में समर्पित कोविड-19 अस्पतालों में से एक के वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, ‘‘इस वृद्धि के लिए न केवल अन्य राज्यों से लोगों की वापसी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, बल्कि लॉकडाउन मानदंडों में ढील देने के बाद अनावश्यक भीड़ भी बढ़ गई।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस तरह की आवाजाही के खिलाफ चेतावनी दी थी। पूर्ण बंद कम से कम कुछ सप्ताह तक जारी रहना चाहिए।’’ अकेले कोलकाता में शुक्रवार तक कोरोना वायरस के कुल 2,589 मामले सामने आये थे। मई के मध्य तक मामलों की संख्या एक हजार थी और एक महीने से कम समय में 1,500 से अधिक मामले सामने आये। आसपास के जिलों उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना में भी यही स्थिति थी।

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