बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण, OBC लिस्ट में मुस्लिम जातियों का दबदबा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की स्थिति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। राज्य में बड़े पैमाने पर हिंदूओं का धर्मांतरण हुआ है। OBC की लिस्ट में बड़ी संख्या में मुस्लिम जातियों को शामिल किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग को लोगों को मिलने वाले फायदों का लाभ बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम भी उठा रहे हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने ये खुलासे किए हैं।

एनसीबीसी ने पश्चिम बंगाल में विभिन्न समुदायों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा देने में ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति” का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार को ‘‘विसंगति” को जल्द से जल्द दूर करना चाहिए। अहीर ने कहा पश्चिम बंगाल में 179 ओबीसी जातियों में से 118 मुस्लिम समुदाय से हैं। एनसीबीसी प्रमुख ने कहा, ‘‘इतनी सारी मुस्लिम जातियों को ओबीसी का दर्जा देने के पीछे तुष्टीकरण की राजनीति है।”

अहीर ने कहा कि आरक्षण पात्र लोगों के लिए होना चाहिए, न कि तुष्टीकरण की राजनीति के लिए। उन्होंने कहा कि वह किसी भी समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी समुदायों को दो श्रेणियों में बांटा गया है: श्रेणी- ए और बी। उन्होंने कहा कि श्रेणी-ए में अधिक संख्या में पिछड़ी जातियों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें से 90 प्रतिशत मुस्लिम जातियां हैं। अहीर ने कहा कि श्रेणी-बी में 90 प्रतिशत हिंदू जातियां हैं और इस श्रेणी में कम लाभ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मामले की समीक्षा की गई है और विसंगतियों से राज्य सरकार को अवगत कराया गया है।” उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों ने ओबीसी श्रेणी के तहत विभिन्न समुदायों के आरक्षण की मांग की है और आयोग उनके अनुरोधों पर गौर कर रहा है। अहीर ने कहा, ‘‘तेलंगाना ने 40 समुदायों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने के लिए कहा है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा ने भी कुछ समुदायों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग की है।”

उन्होंने कहा कि गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकारों वाले राज्यों- राजस्थान, पंजाब और बिहार में ओबीसी आरक्षण को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है। अहीर ने कहा कि राजस्थान में सात जिले हैं, जो ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी विसंगतियां हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे को राज्य के समक्ष उठाया और वे सात प्रतिशत अधिक आरक्षण देने पर सहमत हो गए हैं।” उन्होने कहा, ‘‘बिहार में भी कुर्मी समुदाय से जुड़े मुद्दे हैं, जिन्हें हम सुलझा रहे हैं।”

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