नई दिल्ली। हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करने वाले भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को संसद में विपक्षी दलों के फ्लोर नेताओं को जानकारी दी। 21 सांसदों की संसद में बैठक हुई। बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। सांसदों ने मणिपुर की अपनी दो दिवसीय यात्रा का अनुभव साझा किया, जहां उन्होंने राहत शिविरों में पीड़ितों और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर मणिपुर की भाजपा सरकार के साथ-साथ केंद्र की भी आलोचना की और कहा कि दोनों सरकारों ने इस मामले पर अपनी आंखें बंद कर ली हैं। विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे चौधरी ने कहा, “चाहे वह राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, वे (मणिपुर मुद्दे पर) कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। किसी को कोई परेशानी नहीं है।
दोनों सरकारों ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं।” मणिपुर का दौरा करने वाले इंडिया के सदस्यों वहां से लौटने के बाद यहां संवाददाताओं से यह बात की। दिल्ली रवाना होने से पहले विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने इम्फाल के राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। इसमें पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाली का आग्रह किया गया।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मणिपुर में मौजूदा संकट के लिए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। मणिपुर में तीन मई को जातीय संघर्ष भड़क उठा और तब से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।