कोलकाता (Kolkata)। पश्चिम बंगाल के 10 विश्वविद्यालयों में राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सीवी आनंद बोस की ओर से कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव और बढ़ गया है। इन सभी कुलपतियों का वेतन रोकने का निर्देश राज्य सरकार ने जारी किया। इसे लेकर रजिस्ट्रार को एक पत्र उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भेजा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि राज्य शिक्षा विभाग से मशविरा किए बगैर इन कुलपतियों की नियुक्ति का एकतरफा फैसला लिया गया है।
यह पूरी तरह से अवैध है इसलिए इन नवनियुक्त कुलपतियों का वेतन रोका गया है। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने 11 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की थी। इनमें से एक कुलपति ने पदभार ग्रहण करने से मना कर दिया था जबकि बाकी ने कार्यभार संभाल लिया है। वर्तमान नियमानुसार कुलाधिपति को ही कुलपति नियुक्त करने का अधिकार है लेकिन राज्य सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कुलाधिपति की जगह नियुक्त करने का फैसला किया है।
इसके अलावा कुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी बनाने की घोषणा की है। इसमें मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि को भी शामिल करने को कहा गया है। हालांकि राजभवन से उसकी सहमति नहीं मिलने की वजह से पुराना नियम लागू है लेकिन उसी नियम के मुताबिक कुलपतियों की नियुक्ति के बाद सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल भारत का पहला ऐसा राज्य है, जहां सबसे अधिक विश्वविद्यालय में कुलपति नहीं हैं, जिससे शैक्षणिक कार्य बड़े पैमाने पर प्रभावित है।