कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्य में अफीम की खेती की इजाजत के लिए केंद्र की मोदी सरकार को पत्र लिखे जाने की सूचना मिली है। ममता बनर्जी ने कहा है कि हम इसकी खेती कृषि फार्मों में करेंगे, हमारे पास ऐसे कई फार्म हैं। कहा कि अगर हम अपने राज्य में अफीम उगा सकते हैं तो हम उन्हें 1,000 रुपये के बजाय 100 रुपये प्रति किलो की दर पर खऱीद पायेंगे। उन्होंने केंद्र से कहा है कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाये, क्योंकि सभी पोस्ता ड्रग्स नहीं हैं।
ममता ने कहा कि पोस्टो या खसखस महंगा है, क्योंकि इसकी खेती केवल कुछ राज्यों में की जाती है। ममता ने तर्क दिया कि बंगालियों को पोस्तो बहुत पसंद है। केवल चार राज्यों में ही इसकी खेती क्यों की जा रही है? उन्होंने पूछा कि हर दिन हमारे मेनू में होने के बावजूद पश्चिम बंगाल में इसकी खेती क्यों नहीं की जायेगी? ममता के अनुसार अगर राज्य में अफीम की खेती होगी तो यहां के लोग इससे बने व्यंजनों का मजा ले सकेंगे। ममता बनर्जी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से संबंधित बजट चर्चा पर बोल रही थीं।
ममता का कहना था कि हमें दूसरे राज्यों से भारी कीमत पर पोस्टो क्यों खरीदना पड़ रहा है? पश्चिम बंगाल को यहां पोस्टो की खेती की अनुमति क्यों नहीं मिलेगी? उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष के सदस्यों से इस पर केंद्र को लिखने के लिए कहूंगी। उन्होंने कहा कि हमारे किसान अब बेहतर कमाई कर रहे हैं। वे अब चार गुना कमा रहे हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने कुछ शोध कार्य किये हैं, जिससे हमें कई तरह से मदद मिली है।
राजनीतिक रूप से कुछ लोग सोचते हैं कि मैं पागल हूं क्योंकि मैं उन्हें स्वीकार्य नहीं हूं। ममता ने कहा कि जिस तरह केंद्र ने बासमती को कर में राहत दी है, उसी तरह उसे पश्चिम बंगाल में पैदा होने वाले गोबिंदभोग और तुलाईपंजी चावल की किस्मों को भी इसी तरह का लाभ दिया जाना चाहिए।