कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कर्मचारियों को तीन फ़ीसदी से अधिक महंगाई भत्ता फिलहाल नहीं दिया जाएगा। बांकुड़ा में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र रुपये नहीं दे रहा है। पश्चिम बंगाल को हर समय वंचित किया जा रहा है। राजकोष से पैसा नहीं है इसलिए जितना हो सके उतना महंगाई भत्ता दी है। तीन फीसदी कम नहीं है। मैं जादूगर नहीं हूं कि छड़ी घुमाया और पैसा बरसने लगेगा। केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल में राशन का रुपये काट रही है।
ममता ने कहा कि राज्य भर में सड़क निर्माण के लिए 3200 करोड़ का बजट आवंटन किया गया है। इससे उत्तर से दक्षिण बंगाल के बीच सड़क परिवहन दुरुस्त किया जाएगा। गंगाजलघाटी में जल परियोजना स्थापित होगी और दूर से पानी लेकर आने वालों का दुख दूर होगा। पिछले 11 सालों से बांकुड़ा को माओवाद मुक्त रखा गया है। यहां से भाजपा के दो सांसद और आठ विधायक हैं। उन्होंने जिले के लिए क्या किया है? कुछ भी नहीं! केवल लोगों को बरगलाना उनका काम है।
कोलकाता। महंगाई भत्ता (डीए) की मांग पर पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों को ममता कैबिनेट में मंत्री उदय गुहा ने धमकी दी है। कर्मचारियों ने आगामी 20 और 21 फरवरी को दो दिनों के कार्य विराम की घोषणा की है। उस दिन राज्य भर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद रखने की चेतावनी दी है। इसे लेकर विधायक सह मंत्री उदयन गुहा ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि अगर आप 20-21 को नहीं आएंगे तो 22 से घर पर बैठिएगा। उनका इशारा इस ओर था कि अगर दो दिनों का कार्य विराम होगा तो उसमें शामिल होने वाले लोगों को नौकरी से हटा दिया जाएगा।
इसे लेकर आंदोलनरत शिक्षकों का और अधिक रोष बढ़ रहा है। दरअसल कोर्ट के आदेश के बावजूद ममता बनर्जी की सरकार महंगाई भत्ता नहीं दे रही। बजट में तीन फीसदी डीए देने की घोषणा की गई है लेकिन कर्मचारी इसे मानने को तैयार नहीं हैं और कह चुके हैं कि उन्हें भीख नहीं चाहिए। उसके बाद 20 और 21 फरवरी को दे दिनों के कार्य विराम की घोषणा आंदोलनरत कर्मचारियों ने की है जिसे लेकर चिंता बढ़ रही है।