तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : विश्व कला केंद्र वर्तमान पीढ़ी और भविष्य की पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक कल्याण कार्यों के क्षेत्र में प्रेरणा का दूसरा नाम है। यह विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से 8 से 80 वर्ष की उम्र वालों तक सभी के मन में जगह बनाने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में, ताम्रलिप्त राष्ट्रीय सरकार के कमांडर-इन-चीफ रहे स्वतंत्रता सेनानी स्व. सतीश चंद्र सामंत की स्मृति में, महिषादल विश्व कला केंद्र के प्रबंधन में ‘सर्वधिनायक और चारुकल उत्सव’ आयोजित किया गया।
विभिन्न स्तर की प्रतियोगिताओं में पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा से सैकड़ों प्रतियोगियों ने भाग लिया।सैकड़ों प्रतियोगियों की उपस्थिति में सारा बांग्ला पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। इंटर-स्कूल क्विज़ में 90 से अधिक लों ने भाग लिया। महिषादल बीडीओ स्पेशल के सामने स्ट्रीट अल्पना प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जो वाकई मनमोहक था।
पट चित्र प्रदर्शनी भी हुई। सायरा चित्रकार मौजूद थीं अपने चित्रों के साथ। 200 से ज्यादा असहाय लोगों को सर्दी के कपड़े उपलब्ध कराये गए। जिले के सैकड़ों कलाकार समारोह में मौजूद थे। पश्चिम बंगाल के मत्स्य पालन मंत्री बिप्लब रॉय चौधरी, महिषादल विधायक तिलक कुमार चक्रवर्ती, महिषादल भारत सेवाश्रम ब्रह्मचारी गौतम महाराज और विभिन्न स्कूलों के शिक्षक भी कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
संस्था के सचिव बिश्वनाथ गोस्वामी ने कहा, ‘यदि वर्तमान समाज को संस्कारवान बनाना है तो वर्तमान पीढ़ी को संस्कारवान बनाना होगा। हम उस बीज को रोपने का प्रयास कर रहे हैं। आप सभी के प्यार के आशीर्वाद से विश्व कला केंद्र आज 12 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस तरह के कार्य से लोग काफी खुश और प्रसन्न हैं।
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