साहित्यिक संगठनों ने वरिष्ठ पत्रकारों पर मुकदमे की निंदा की

शिव शंकर प्रसाद, पलामूू : ज्ञान विज्ञान समिति, भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ और पत्रिका सुबह की धूप ने संयुक्त रूप से देश के वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडे, राजदीप सरदेसाई, जफर आगा, प्रेमनाथ, विनोद जोशी एवं अनंत नाथ पर हुए देशद्रोह के मुकदमे की घोर निंदा की है। संगठनों की ओर से संयुक्त बयान जारी कर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ देश के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित पत्रकारों पर किए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग की गई है। इसी परिप्रेक्ष में रविवार को ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के कार्यालय में एक विमर्श रखा गया। जिसमें वरिष्ठ पत्रकार, बुद्धिजीवी व कलाकार उपस्थित हुए। बैठक को संबोधित करते हुए ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि देश के वरिष्ठ पत्रकारों पर किए गए राजद्रोह का मुकदमा पूर्वाग्रह से ग्रसित है। विदित हो कि ये पत्रकार सत्ता के निर्देश पर अपनी पत्रकारिता नहीं करते। जो भी पत्रकार सत्ता के निर्देश पर काम नहीं करते उन्हें परेशान करने की साजिश होते रही है।

वर्तमान सत्ताधारी दल तो हर उस पत्रकार या हर उस व्यक्ति को देशद्रोही समझती है जो उनके खिलाफ बोलते हैं। यह मानसिकता किसी भी लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। आज दिल्ली के पत्रकार के साथ ऐसी घटना घटी है कल पलामू या इसे छोटे जगहों के पत्रकार के साथ भी यह घटना घट सकती है। इसलिए अगर हम लोकतंत्र के हिफाजत करना चाहते हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए काम करना चाहते हैं, कलम आजाद रहे इसके लिए सोचते हैं तो हमें इस तरह के कार्रवाई के खिलाफ सड़क पर उतरने की आवश्यकता है। क्योंकि अगर आज हम चुप रहेंगे तो कल बहुत देर हो चुकी होगी। इसलिए हम ऐसे मामले में उन पत्रकारों के साथ में खड़ा है।

बैठक में अपनी बात रखते हुए प्रगतिशील लेखक संघ पलामू के अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि यह घोर निंदनीय विषय है। इस तरीके की पहल भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए अच्छी बात नहीं है। सत्ता अपने हिफाजत के लिए मीडिया को इस्तेमाल करती है और जो कोई भी उनकी आलोचना करती है उसे वह बर्दाश्त नहीं करते। यह मुकदमा भी यही दर्शाता है कि जो पत्रकार सरकार के खिलाफ बोलेंगे उन्हें परेशान किया जाएगा। आज के समय में हम लोगों को लोकतंत्र के हिफाजत के लिए इन पत्रकारों के साथ में खड़े होने की आवश्यकता है।

वैचारिक मासिक पत्रिका सुबह की धूप के सलाहकार संपादक गोकुल बसंत ने कहा कि दरअसल अभी के दौर के शासन व्यवस्था में स्वतंत्र पत्रकारिता की घोर अभाव रहा है। पत्रकार जनता के सवालों को निर्मित ढंग से उठाएंगे तो जनता उनके लिए भी साथ रहेगी। हम जनता के मुद्दों को उठाते रहे हैं। ऐसी बात सत्ता में बैठे हुए लोगों को अच्छा नहीं लगता है, और वह इस तरीके का परेशान करने का हथकंडा अपनाते रहते हैं। हमें पत्रकारिता को बचाने के लिए आगे आना होगा, तभी हम एक लोकतांत्रिक समाज देश बना सकते हैं।
बैठक में अपनी बात रखते हुए भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा के जिला सचिव रविशंकर ने कहा कि जब कभी भी लोकतंत्र पर हमला हुआ है या लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास हुआ है तो कलाकार, पत्रकार, साहित्यकार एकजुट होकर उसका मुखालफत किये हैं। आज एक बार फिर लोकतांत्रिक मूल्यों के हिफाजत के लिए, स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए अभिव्यक्ति की आजादी के लिए हमें एकजुट होना होगा। ताकि कलम और सच की ताकत ज़िंदा रह सके। देश के नामचीन पत्रकारों पर हुए मुकदमे के खिलाफ पलामू के सभी बुद्धिजीवी, कलाकार व साहित्यकार मिलजुल कर काम करेंगे ताकि पलामू के खेत खलियान से जो आवाज उठे वह दिल्ली के सत्ता के कानों में भी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

13 − 8 =