गर्भावस्था जागरूकता और शिक्षा के लिए मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म “रेडी टू बी मॉम” का शुभारंभ

अनिल बेदाग, मुंबई : इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को गर्भधारण पूर्व देखभाल के बारे में वैध जानकारी प्रदान करना है, ताकि गर्भावस्था के दौरान जोखिमों को कम करने के लिए गर्भधारण करने का निर्णय लेने से पहले उन्हें नियमित जांच के लिए परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

इस पहल के तहत हर महीने एक विषय पर समर्पित इंटरैक्टिव डॉक्टर पॉडकास्ट विभिन्न प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया जाएगा। छह-श्रृंखला पहल की पहली श्रृंखला अंग्रेजी और हिंदी दोनों में उपलब्ध है। इसके बाद के धारावाहिक तमिल, बंगाली, कन्नड़ और मलयालम इन चार अतिरिक्त क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रत्येक श्रृंखला में इंटरैक्टिव क्विज़, पोल जैसे बहुत कुछ अतिरिक्त तत्व होंगे।

डॉ. रोहन पालशेतकर, प्रख्यात प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, मुंबई, प्रोफेसर, डीवाई पाटिल स्कूल ऑफ मेडिसिन और अध्यक्ष एफओजीएसआई यंग टैलेंट प्रमोशन कमेटी महत्वपूर्ण बिंदु बताते हैं, “विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में रिपोर्ट दी है कि दुनिया भर में बांझपन दर १० % से १७ %बढ़ गई है। 

इस वृद्धि में योगदान देने वाले कारकों में उम्र, विलंबित गर्भावस्था, देर से शादी और करियर प्राथमिकता शामिल हैं और ये कारक प्रजनन दर को प्रभावित करते हैं। हालाँकि ये निर्णय महत्वपूर्ण हैं, फिर भी ये गर्भधारण प्राप्त करने में चुनौतियाँ पेश कर सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान होने वाले संभावित जोखिम कारकों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए गर्भधारण की इच्छुक महिलाओं के लिए गर्भधारण पूर्व जांच अमूल्य हो सकती है।”

Launch of Multimedia Platform ``Ready to Be Mom'' for Pregnancy Awareness and Education

मल्होत्रा नर्सिंग एंड मैटर्निटी होम, आगरा की डॉ नेहरिका मल्होत्रा कहती है , “बड़ी विडंबना है कि हमारे देश में जब तक हम किसी बड़ी मुश्किल में न पड़ जाएं डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं। जबकि डॉक्टरों का मानना है कि विवाह से पूर्व भी चिकित्सकीय परामर्श अति आवश्यक होता है।

विवाह के बाद कब गर्भधारण करना है, गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल किन परिस्थितियों में करना है, कब तक करना है आदि प्रश्नों के सही उत्तर आपको एक डॉक्टर ही दे सकता है। जितना आप अपने डॉक्टर से संपर्क में रहेंगे उतना डॉक्टर को भी आपकी मेडिकल हिस्ट्री पता रहेगी। वे आपकी मदद और मार्गदर्शन कर सकेंगे।

कुछ उपाय होते हैं जो वे आपको पहले से बता सकते हैं। जैसे फॉलिक एसिड सप्लीमेंट बहुत जरूरी है, हीमोग्लोबिन अच्छा होना चाहिए, आपको अपनी जीवनशैली में क्या बदलाव लाने हैं, खान पान कैसा होना चाहिए, शराब का सेवन नही करना है।

व्यायाम कब और कितना करना है, नियमित रूप से नींद पूरी हो रही है या नही, लाइफ स्टाइल में तनाव कितना है। इन सभी बातों की जानकारी आपके डॉक्टर को होना जरूरी है और यह तभी संभव है जब आप नियमित रूप से डॉक्टर के पास जा रहे हैं और आवश्यक जांचें करा रहे हैं।”

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