पटना : शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए होटलों और बैंक्वेट हॉलों में सिलसिलेवार छापेमारी के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी कानून वापस लेने को कहा। लालू प्रसाद ने कहा, “मैंने पहले ही नीतीश कुमार से कहा था कि बिहार में शराब का कारोबार नहीं रुक सकता। जहरीली शराब से सैकड़ों मौतें इसके उदाहरण हैं। इसलिए, उनके लिए कानून को वापस लेना और राज्य के राजस्व के नुकसान से बचना बेहतर है।” लालू प्रसाद ने कहा, “राज्य प्रशासन शराब माफियाओं की गतिविधियों को रोकने में पूरी तरह विफल रहा है। दूसरी तरफ नीतीश कुमार शराब की तलाशी के लिए महिलाओं के कमरों में पुलिस भेज रहे हैं।”
राजद सुप्रीमो ने कहा, “2016 में नीतीश कुमार मेरे घर आए और कहा कि वह राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाना आसान नहीं है। बिहार में शराब की तस्करी बढ़ेगी क्योंकि इससे सटे नेपाल, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश नॉन-ड्राई (जहां शराब पर प्रतिबंध नहीं है) राज्य हैं। नीतीश कुमार ने मेरे सुझावों की अनदेखी की और कानून को लागू किया।”
नीतीश कुमार के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि शराबबंदी के दौरान सभी दलों ने उनका समर्थन किया, लालू प्रसाद ने कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी ने शराबबंदी के कारण सैकड़ों मौतों का समर्थन नहीं किया है। लालू प्रसाद ने कहा कि हमने शराब की होम डिलीवरी का समर्थन नहीं किया है। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब वह पुरुष पुलिसकर्मियों को महिलाओं के कमरे में भेजने का फैसला कर रहे हैं तो कोई उनका समर्थन क्यों करेगा। इस बीच नीतीश कुमार ने दावा किया कि पुलिस की लगातार हो रही इन छापेमारी से बिहार की जनता खुश है।