इमरान खान, फोटो साभार : गूगल

इस्लामाबाद : दुनिया जहां इस समय कोरोना वायरस से लड़ने में व्यस्त है। वहीं पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने 1800 आतंकियों को चुपके से निगरानी सूची से हटा दिया है। इनमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाला नाम लश्कर-ए-तैयबा आतंकी जकीउर रहमान लखवी का है, जो 2008 मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड है।

इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे। पाकिस्तान ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब वैश्विक एंटी मनी लांड्रिंग संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने उसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक नई समयसीमा दी है। इमरान सरकार के निगरानी सूची से आतंकियों के नाम हटाने की जानकारी अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित नियामक प्रौद्योगिकी कंपनी कास्टेलम डॉट एएल ने दी है।

इन तथाकथित अभियुक्त व्यक्तियों की सूची, जिसे पाकिस्तान के राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने बनाया है, उसका उद्देश्य वित्तीय संस्थानों को संदिग्ध आतंकवादियों के लेनदेन के प्रसंस्करण या व्यापार से बचने में मदद करना है। इस सूची में 7,600 लोगों के नाम शामिल हैं। कंपनी के अनुसार 18 महीनों में इसमें मौजूद नाम घटकर 3,800 रह गए हैं। कास्टेलम के डाटा के अनुसार मार्च की शुरुआत से लगभग 1800 नामों को सूची से हटाया गया है।

पाकिस्तान एक कार्य योजना को लागू करने पर काम कर रहा है जिसकी जिम्मेदारी उसे पेरिस स्थित एफएटीएफ ने दी है। जिसमें वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन को प्रदर्शित करना शामिल है। कंपनी ने कहा कि यह संभव है कि इनका नाम हटाना एफएटीएफ सिफारिशों को लागू करने के पाकिस्तान की कार्य योजना का हिस्सा हों।

एफएटीएफ जून 2020 में पाकिस्तान की प्रगति का आकलन करेगा। वर्तमान में वह ग्रे सूची में है। यदि वह आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई करने में असफल रहता है तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। जिसका उसकी चरमराती अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ेगा।

 

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