#Kolkata: मलेरिया का प्रकोप, 3900 से ज्यादा हैं बीमार! KMC ने स्वास्थ्य विभाग को सौंपी रिपोर्ट

Kolkata: कोरोना महामारी का कहर अभी थमा भी नहीं है कि कोलकाता में मलेरिया और डेंगू का दहशत देखा जा रहा है। कोलकाता में मानसून के मौसम में मलेरिया के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। अगस्त तक राज्य में मलेरिया के कुल 4,748 मामले थे। इस आंकड़े में अकेले कोलकाता में पीड़ितों की संख्या 3900 है।

इस साल अब तक राज्य में मलेरिया के कुल मामलों में से 80 फीसदी मामले कोलकाता में हैं। ऐसे में कोलकाता में मलेरिया के प्रसार को कम करना अब स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले साल की तुलना में इस साल राज्य में मलेरिया के मामलों की संख्या काफी अधिक है। इतने सारे लोग मच्छर जनित इस बीमारी से संक्रमित क्यों हो रहे हैं?

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता नगर निगम से इस बारे में जानना चाहा है, हालांकि कोलकाता नगर निगम ने स्वास्थ्य विभाग को सौंपी रिपोर्ट में बारिश को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कुल मिलाकर इस साल मलेरिया से संक्रमित लोगों की संख्या पिछले साल की तुलना में 35 फीसदी ज्यादा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।

कोरोना की स्थिति अभी पूरी तरह नियंत्रण में नहीं है। तीसरी लहर की साया में जनता और प्रशासन जी रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने बुधवार को शहर के अधिकारियों के साथ बैठक कर मलेरिया के बढ़ने की वजह का पता लगाया। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार उस बैठक में निगम के प्रतिनिधियों ने अतिरिक्त बारिश को जिम्मेदार ठहराया।

निगम अधिकारियों ने कहा कि कोविड के कारण मलेरिया नियंत्रण बाधित हो रहा है। उनका कहना है कि इस साल जुलाई में 500 मिमी अतिरिक्त बारिश हुई थी और इसीलिए मलेरिया बढ़ रहा है। निगम के प्रतिनिधियों ने कहा, “प्राइमा क्विन के साइड इफेक्ट के कारण चिकित्सक मरीज को वह दवा नहीं देना चाहते हैं। रोग को नियंत्रित करने में समस्या होती है।”

स्वास्थ्य विभाग ने बड़ाबाजार, कालूटोला, कॉलेज स्ट्रीट, भवानीपुर, बालीगंज, सियालदह, राजाबाजार और बेलेघाटा जैसे मलेरिया प्रवण क्षेत्रों में 20,000 से 30,000 कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी वितरित करेगा। प्राइमा क्विन देने के लिए डॉक्टरों को सलाह दी जा रही है।

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