कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बारिश का मौसम शुरू होने से पहले राज्य सरकार डेंगू संक्रमण को लेकर सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव को संक्रमण रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उसी के मुताबिक साफ-सफाई, जलापूर्ति, स्वास्थ्य समेत 16 विभागों के सचिवों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। यहां से सभी जिलों के जिलाधिकारियों को भी निर्देशिका भेजी गई है। साथ ही संक्रमण रोकथाम के लिए 815 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि मूल रूप से 13 बिंदुओं पर सहमति बनी है। गांव-कस्बों में घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के लिए 1 लाख 32 हजार लोगों को तैनात किया जाएगा। इस साल मार्च से ही कीटाणुनाशक का छिड़काव शुरू कर दिया जाएगा जो दिसंबर महीने तक चलेगा।
गांवों में प्रति पंचायत 15 सदस्यों की टीम तैनात की जाएगी। उस समूह के सदस्य घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। कीटाणुनाशक का छिड़काव भी करेंगे। उपनगरों के मामले में इस कार्य के लिए अतिरिक्त लोगों को तैनात किया जाएगा। राज्य के 60 सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मच्छरों के लार्वा को पनपने से रोकने के लिए सप्ताह में कम से कम दो बार 1,500 किमी नहरों का नवीनीकरण किया जाएगा। इससे जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिलेगी। मानसून से पहले बंद फैक्ट्री परिसर, सरकारी दफ्तर, बस डिपो, कूड़े के ढेर, खाली जगहों की सफाई की जाएगी। उनकी नियमित निगरानी की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पुलिस व आवास विभाग को भी डेंगू के प्रति नागरिकों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है।
डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए मानसून से पहले 8,500 चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा। नागरिकों को जागरूक करने के लिए आशा, आंगनबाड़ी, नगर पालिका, स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा। 29 मई से 4 जून तक डेंगू सप्ताह मनाया जाएगा। उस सप्ताह के दौरान शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई पर जोर दिया जाएगा। आईटी विभाग डेंगू से जुड़े दस्तावेज, आंकड़े जुटाने के लिए कदम उठाएगा। 140 शहरी ग्राम पंचायतों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन लागू किया जाएगा। शहर व गांवों में घर-घर जाकर जागरुकता फैलाने वालों को पहचान पत्र व जैकेट दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हर साल पश्चिम बंगाल में बारिश के समय डेंगू संक्रमण से बड़ी तादाद में लोगों की जान जाती है।